इजराइल में तल अवीव से शुरू हुई रैली शनिवार देर रात यरुशलम पहुंची। इसमें लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए, जिन्होंने नेतन्याहू के ऑफिस को घेर लिया। इन लोगों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द हमास की कैद से बंधकों को छुड़ाए। इजराइली मीडिया यरुशलम पोस्ट को एक बंधक की मां ने कहा- हम पांच दिन से लगातार चल रहे हैं
उन्होंने आगे कहा- मेरे पैर दर्द कर रहे हैं, कंधे दर्द कर रहे हैं, पर उतने नहीं जितना में दिल दुख रहा है। मुझे और चलना पड़ा तो मैं और चलूंगी। गाजा जाना पड़ा तो वहां भी जाऊंगी। बंधकों के परिवार वालों की मांग है कि सरकार उन्हें बताए की वो लोगों को छुड़ाने के लिए क्या कर रही है।
वहीं, इजराइली सेना गाजा में घुसती चली जा रही है। IDF गाजा पट्टी के जबालिया और जैतूम इलाके तक पहुंच चुकी है। सेना साउथ गाजा के लोगों को इलाकों को खाली कर अब पश्चिम में जाने को कह रही है।
मिडिल ईस्ट के देश जॉर्डन ने कहा है कि जंग के बाद अरब देश गाजा में पीस कीपिंग मिशन के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेंगे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि गाजा में मुसीबत इजराइल ने पैदा की है, रोज लोग मारे जा रहे हैं। इजराइल ये उम्मीद न करे की अरब देश इससे पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में उनकी मदद करेंगे।
गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने दावा किया है इजराइली सेना ने एक उत्तरी गाजा में अल-फखूरा नाम के एक स्कूल पर अटैक किया है इसमें 50 लोगों की मौत हुई है। इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा में भी खान यूनिस इलाके पर स्ट्राइक की थी। इसमें दर्जनों लोग मारे गए थे।
इससे पहले इजराइली सेना की कार्रवाई के बीच मरीजों और स्टाफ ने गाजा के अल-शिफा अस्पताल को खाली करना शुरू कर दिया। मरीज और स्टाफ पैदल ही सफेद झंडे लेकर उत्तरी गाजा छोड़कर निकल रहे हैं।
इसी बीच एक फिलिस्तीनी महिला अबु शनाब ने बताया कि अस्पताल छोड़ रही महिलाओं की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली जा रही है। शनाब के मुताबिक इजराइली सेना ने कई लोगों को बंधक भी बनाया है। उन्हें न तो पानी दिया जा रहा है और न ही खाना।
वहीं, अल-शिफा के डॉक्टर ने दावा किया था कि इजराइली सेना ने अल-शिफा अस्पताल खाली करने के लिए 1 घंटे का समय दिया है। IDF ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।