अनेक लोगों की आंखों के इर्द-गिर्द, चेहरे पर काले या लाल दाग, धब्बे आदि उभर कर आ जाते हैं। हालांकि इनसे कोई नुकसान तो नहीं होता परन्तु ये सौन्दर्य में बाधा पहुंचाते हैं। आयुर्वेद का मानना है कि इन व्याधियों के पीछे भी और रोगों के कारणों की तरह गलत आहार-विहार ही होता है। ये दाग-धब्बे भी गलत आहार-विहार के ही परिणाम होते हैं। आपकी आंखें कितनी ही खूबसूरत क्यों न हों परन्तु यदि उनके चारों ओर गहरे दायरे हों तो दूसरों की नजर आपकी आंखों की खूबसूरती पर नहीं बल्कि उन गहरे दायरों पर ही टिक कर रह जाती है।
मन की परेशानी, अत्यधिक कमजोरी, अधिक थकावट, खून की कमी, माहवारी (पीरियड) का अधिक होना, ल्यूकोरिया का होना, अत्यन्त कम खाना या अत्यधिक उपवास करना आदि के कारणों से आंखों के आस-पास ये काले दायरे हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त बासी भोजन, वायु या पित्त बढ़ाने वाले आहार, तली हुई चीजें खाना, प्याज, लहसुन तथा दही का ज्यादातर इस्तेमाल करने, इसके अलावा कुछ गलत आदतें जैसे-रात को अधिक देर तक जगना, क्रोध, चिन्ता, शोक, तनाव, आदि इसके कारण होते हैं।
दरअसल इन सब कारणों से वायु और पित्त की शरीर में बढ़ोत्तरी हो जाती है जिससे खून में खराबी होने लगती है। यह भी देखा गया है कि जब अविवाहित युवती की माहवारी ठीक तरह से नहीं होती अर्थात् कम या अंतराल पर होती है, तो इस वजह से भी चेहरे पर अधिक दाग-धब्बे होने लगते हैं।
अमेरिका की एक सौन्दर्य विशेषज्ञा का मानना है कि जब युवती की अधिक दिनों तक शादी नहीं होती या स्तनों में दूध रहते हुए भी शिशु को नहीं पिलाती, ऐसी स्थितियों में झाई, मुुंहासे, झुर्रियां, होंठ काले आदि होने लगते हैं और मुख के सौन्दर्य को ग्रहण-सा लग जाता है।
कई बार लोग इनसे बचने के लिए रात को सोते समय अपनी आंखों के आस-पास क्रीम लगाते हैं लेकिन यह ठीक नहीं है। इससे आंखें और अधिक गहरी नजर आने लगती हैं, इसलिए उचित यह है कि रात को क्रीम लगाने के बाद उसे रूई या किसी नरम कपड़े से साफ कर लिया जाए। आंखों के आस-पास की त्वचा बहुत पतली होती है तथा रात को रक्त संचार की गति शरीर में होती है।
ऐसे में यह क्रीम रक्त में पतली चमड़ी के छिद्रों द्वारा पहुंच सकती है।
आंखों के आस-पास त्वचा का फूलना या गहरा होना कोषाणुओं में तरल पदार्थों के जमाव के कारण भी होता है। इससे बचने का एक तरीका तो यह होता है कि सुबह नींद से उठते ही एक गिलास पानी पीजिए और दुबारा पांच मिनट के लिए फिर से सो जाइए। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नींद बहुत आवश्यक होती है। अगर रात भर किसी भी कारण से जागना पड़े तो सुबह से ही आंखों के इर्द-गिर्द काले धब्बे पड़ जाते हैं।
अधिक मात्रा में पानी पीने से पेट साफ रहता है और आंखों के काले धब्बे भी गायब हो जाते हैं। सहवास के बाद तुरंत उठकर अन्य काम करने, पानी पी लेने या लगातार दो-तीन बार तक सहवास की क्रि या दोहराने पर भी सुबह आंखों के किनारे काले धब्बे पड़ जाते हैं।
इन धब्बों को दूर करने के एक आसान और फायदेमंद तरीके के रूप में इसे भी अपना सकती हैं। चाय के गुनगुने पानी में रूई को भिगोकर अपनी पलकों पर रख लीजिए। ठण्डे पानी में प्रिंगल फल के रस की एक बूंद डालिए और उसमें रूई भिगोकर पलकों पर डाल लीजिए। लेटने पर सिर के नीचे तकिया न रखकर पांवों के नीचे ऊंचा तकिया रखिए। ऐसा करने से आंखों के दायरे में रक्त-संचार बढ़ता है जिससे इस तरह की तकलीफ से बचा जा सकता है।
साधारण पिसा हुआ दो चम्मच नमक गर्म पानी में मिलाकर उसमें कपड़े की पट्टियां भिगोयें और तब तक पलकों पर लगाते रहें जब तक कि वह ठण्डी न हो जायें। इस उपचार से भी आंखों के आस-पास की चर्बी और कालिख दूर हो सकती है। सैबेक्युअस ग्लैण्ड त्वचा को तेल प्रदान करते हैं। आंखों के गिर्द इन ग्लैण्ड्स की कमी के कारण झाइयां उभरने लगती हैं।
एक आलू को पीसकर दो पतले कपड़े के टुकड़ों में रखकर आंखों के गिर्द मलिए। कुछ देर विश्राम करने के बाद विशेष लेनोलिन या बादाम की क्र ीम आंखों के आस-पास मलिए। बादाम में त्वचा को निखारने का गुण होता है। खीरा, ककड़ी आदि के रस के सेवन से आंखों की थकावट दूर हो जाती है। आधी ककड़ी को पीसकर उसका रस निकाल कर फ्रिज में रख दीजिए। ठंडा होने पर उसमें गुलाबजल मिलाकर रूई की दो पट्टियां बनाकर उसमें भिगो लीजिए और आंखों पर रख लीजिए। इससे आंखों को आराम मिलता है तथा धब्बे दूर हो जाते हैं।
आंखों के आस-पास कालापन होने का अर्थ यह भी हो सकता है कि आपके रक्त में कार्बन डाईआक्साइड तथा अन्य अवशिष्ट पदार्थों की मात्रा अधिक है। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जैसे डबलरोटी, पेस्ट्री आदि के खाने से आपके अन्दर कार्बन डाईआक्साइड गैस और एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। इससे रक्त का रंग गहरा हो जाता है और झाइयां हो जाती हैं।
पथ्य पालन पर अपना ध्यान लगाना चाहिए। शराब, सिगरेट, गुटका, पान मसाला आदि का सेवन कतई मत कीजिए। सादा और जल्दी पचने वाला भोजन कीजिए। बहुत अधिक मेहनत, धूप या गर्म चीजों के पास बैठने से यथासंभव अपने को बचाइए। अधिक ताप लगने से त्वचा का सौन्दर्य बिगडऩे लगता है, आंखों के नीचे काले गड्ढे हो जाते हैं। आंखों की रक्षा के लिए प्रतिदिन शीतल जल से आंखों पर छींटे मारिए।
त्रिफला चूर्ण एक चम्मच लेकर तांबे के बर्तन में पानी डालकर उसमें रातभर रहने दीजिए। प्रात: इस जल को कपड़े से छानकर आंखों पर ‘आई वॉश’ कीजिए और झाइओं के ग्रहण से अपने सुन्दर मुखड़े को बचाइए।