यहां के हिंदू बोले- करोड़ों का टैक्स भरते हैं, पर सुरक्षा की गारंटी नहीं, कनाडा में मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे

ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले के बाद अब कनाडा के एक मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे जाने की घटना सामने आई है। मंगलवार को ऑन्टेरियो के ब्रैम्पटन में गौरीशंकर मंदिर को निशाना बनाया गया। दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद और हिन्दुस्तान मुर्दाबाद लिखा मिला।
कनाडा में रहने वाले हिंदू इस घटना के कारण गुस्साए हुए हैं। श्रद्धालु अनुराग का कहना है कि कनाडा में रहने वाला शांतिप्रिय भारतीय समुदाय करोड़ों डॉलर का टैक्स भरता है, लेकिन हमारी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। अनुराग का कहना है कि भारत विरोधी तत्वों को कनाडा के अफसरों और पुलिस का संरक्षण मिलता है।
ब्रैम्पटन के रवि शर्मा का कहना है कि हम यहां सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। मेयर हर बार घटना के बाद बयानबाजी करते हैं, लेकिन हमें अब उन पर कोई भरोसा नहीं है। खालिस्तान समर्थक जानते हैं कि वो कोई भी वारदात कर लें, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होने वाली है।
एक अन्य श्रद्धालु कमल गुप्ता ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हेट क्राइम की घटनाओं पर रोक नहीं लग पाई है। पुलिस ने मंदिरों पर हमले की घटनाओं में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उधर, गौरीशंकर मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य धीरेंद्र त्रिपाठी ने विश्वास जताया है कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
पिछले साल जुलाई में रिचमंड के विष्णु मंदिर और फिर सितंबर में टोरंटो के स्वामीनारायण मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे जाने की घटनाएं हुई थीं। गौरीशंकर मंदिर की घटना के बाद भारतीय कॉन्सुलेट जनरल ने बयान जारी कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उधर, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने मंगलवार को जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कनाडा सरकार के सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान यहां हेट क्राइम के मामलों में 72 फीसदी का इजाफा हुआ है। एक अन्य आंकड़े के अुनसार पिछले पांच साल के दौरान कनाडा में 2.46 लाख भारतीय प्रवासियों के रूप में आए।
नवंबर 2021 में पहली बार ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में तोड़फोड़ की वारदात सामने आई थी।
इसके बाद 15 जनवरी 2022 को हनुमान मंदिर में एक तोड़-फोड़ हुईं।
25 जनवरी को इसी शहर में देवी दुर्गा के मंदिर को तोड़ दिया गया। इन दोनों घटनाओं के बाद उपद्रवियों ने गौरी शंकर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में भी उत्पात मचाया।
कनाडा के ओन्टेरियो राज्य में सितंबर में उपद्रवियों ने भगवद गीता पार्क में तोड़फोड़ की थी। उपद्रवियों ने पार्क का साइन बोर्ड तोड़ दिया था। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने इसे हेट क्राइम बताते हुए जांच की मांग भी की। ब्रैम्पटन शहर के इस पार्क को पहले ट्रॉयर्स पार्क के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर श्री भगवद गीता पार्क कर दिया गया और 28 सितंबर को अनावरण किया गया।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्‍वामीनारायण मंदिर में 11 जनवरी को हमला हुआ था। ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हमला खालिस्तान समर्थकों ने किया था। यहां अज्ञात लोगों ने दीवारों को नुकसान पहुंचाया और भारत विरोधी बातें लिख दीं। इतना ही नहीं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी बातें लिखी गईं। दीवारों पर एक आतंकवादी का नाम भी लिखा।