हिंदी फिल्म इंडस्ट्री किसी की बपौती नहीं है : एनिमल के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा

एनिमल के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री किसी की बपौती नहीं है। संदीप ने कहा कि लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि एक साउथ का डायरेक्टर यहां आकर फिल्में बना रहा है, ऊपर से वो फिल्में ब्लॉकबस्टर भी हो रही हैं।
संदीप ने कहा है कि कबीर सिंह से लेकर एनिमल बनाने तक उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा है। उनका मानना है कि लोग उनकी फिल्मों के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। संदीप ने कहा कि एनिमल को बनाने में ढाई साल का वक्त लगा है, इन ढाई सालों में बस एक बार लंच करने बाहर गए हैं।
संदीप ने कई सारे मुद्दों पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पिछली फिल्में कबीर सिंह और अर्जुन रेड्डी के बारे में भी बात की। संदीप चाहते हैं कि वो भविष्य में शाहरुख खान के साथ काम करें। उन्होंने शाहरुख के साथ मिलने का वाकया भी शेयर किया।
एनिमल को महिला विरोधी फिल्म बताने वालों पर संदीप रेड्डी वांगा खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री उनकी बपौती है। कोई दूसरा आकर यहां फिल्म बना रहा है, उनसे देखा नहीं जा रहा है। यहां के लोग अपनी फिल्मों में सेक्स कॉमेडी दिखाते हैं। अपना देश अभी इन सब कंटेंट के लिए रेडी नहीं है।
हालांकि मैंने कभी इन लोगों से नहीं पूछा कि ऐसी फिल्में क्यों बना रहे हो। मैं अपना काम कर रहा हूं, तुम अपना काम करो। एक बड़े सुपरस्टार की सेकेंड एक्स वाइफ ने कहा कि मेरी फिल्मों में लड़कियों को स्टॉक (पीछा) किया जाता है। अब उन्हें कौन बताए कि उसे स्टॉकिंग नहीं, बल्कि अप्रोचिंग कहते हैं। मैं मानता हूं कि एनिमल एक वायलेंट फिल्म है। यह स्वीकार करने में मुझे कोई दिक्कत भी नहीं है, लेकिन यह किसी भी कीमत पर एक महिला विरोधी फिल्म नहीं है।’संदीप ने कहा कि पहले लगता था कि लोग ऐसे ही उनकी फिल्म की खिलाफत कर रहे हैं। हालांकि अब लग रहा है कि यह जानबूझ कर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे और मेरी फिल्म को नीचा दिखाने के लिए एजेंडा चलाया जा रहा है। फिल्म को रिलीज हुए डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए हैं, फिर भी इस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इसका सीधा मतलब यही है कि लोगों को फिल्म की सक्सेस से प्रॉब्लम है। कबीर सिंह के साथ भी यही हुआ था। आप यहां के अवॉर्ड्स शो देखिए। ऐसे शोज में दोस्ती यारी चलती है। एक-दूसरे को सपोर्ट करने में लगे रहते हैं। अपना ग्रुप बनाकर चलते हैं।’
संदीप ने कहा, ‘मुझे फिल्म एनिमल बनाने में ढाई साल का वक्त लगा है। ढाई साल पहले हैदराबाद से मुंबई आया और यहां ऑफिस खोलकर बैठ गया। आप यकीन नहीं करेंगे कि इन ढाई साल में सिर्फ एक बार लंच करने बाहर गया हूं। वो भी तब जब लंच देने वाला छुट्टी पर गया था। इतने दिन डेडिकेशन से काम करने के बाद अगर आपकी फिल्म को उल्टा-सीधा बोला जाएगा तो गुस्सा आना लाजिमी है।’
कॉलेज में आपका HOD से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। उस पर क्या कहेंगे? संदीप रेड्डी वांगा ने कहा, ‘वो बहुत लंबा विवाद है। उस पर कभी फिल्म बनाऊंगा। जो भी राइटर फिल्म की कहानी लिखता है, उसमें उसकी लाइफ का थोड़ा बहुत अंश होता ही है। उसके साथ जो घटना हुई रहती है, वो राइटिंग के जरिए उसे थोड़ी बहुत दिखाने की कोशिश करता है। मैं जो फिल्में बनाता हूं, उसमें मेरी लाइफ से जुड़ी कुछ चीजें जरूर रहती हैं। हालांकि यह अलग बात है कि उसमें ज्यादातर पार्ट फिक्शनल होते हैं।’
आप फिजियोथेरेपिस्ट थे। अचानक फिल्म मेकिंग में कैसे आ गए? जवाब में संदीप कहते हैं, ‘मुझे और मेरे भाई प्रणय रेड्डी वांगा को बचपन से फिल्में देखना बहुत पसंद था। हम दोनों तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्में देखते थे। फिजियोथेरेपी में जब इंटररेस्ट खत्म हुआ तो बिना कुछ सोचे फिल्म मेकिंग में आ गया। इसके अलावा फोटोग्राफी में थोड़ा बहुत रुझान था। इन दोनों के अलावा मुझे कोई और प्रोफेशन दिखा ही नहीं।’
मैंने एक फिल्म में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था। उसके बाद तकरीबन 6 साल तक मुझे फिल्म ही नहीं मिली। 6 साल बाद मुझे अर्जुन रेड्डी बनाने का मौका मिला। बीच का समय काफी खराब था। मुझे प्रोड्यूसर्स के रिजेक्शन झेलने पड़े। वो मेरी कहानी को बकवास बता देते थे। कई प्रोड्यूसर्स से मैं लड़ जाता था।
मैंने एक प्रोड्यूसर से कहा कि तुमने पिछली 5 फिल्में बनाईं, उसमें से तीन तो बकवास हैं, तो फिर मेरी कहानी लेने में क्या दिक्कत है। हालांकि बाद में एहसास हुआ कि फिल्म बनाना मेरा सपना है, अगर मुझे कोई रिजेक्ट कर रहा है तो इसमें दुख या गुस्सा होने वाली कौन सी बात है।
एक चॉकलेटी बॉय इमेज वाले रणबीर कपूर को एक्शन फिल्म में कास्ट करने को कैसे सोचा। जवाब में संदीप कहते हैं, ‘मुझे हमेशा से एक चीज पता थी कि कोई बंदा डांस बढ़िया करता है तो वो एक्शन भी जबरदस्त कर सकता है। इसके अलावा मैंने उनकी फिल्म रॉकस्टार देखी थी। उनका रौद्र रूप उसी फिल्म में दिख गया था।
जब मैंने रणबीर को रिहर्सल करते देखा तो चौंक गया। मैंने उनसे कहा कि अगर पहले पता होता तो और खतरनाक एक्शन सीक्वेंस फिल्म के अंदर रखता।’
संदीप तेलुगु भाषी हैं, इसके बावजूद उनकी हिंदी बेहतरीन है। वजह बताते हुए उन्होंने कहा, ‘साढ़े चार साल के कोर्स को खत्म करने में मैंने सात साल लगा दिए। कॉलेज में बहुत सारे इश्यू हो गए थे। इसकी वजह से उधर लंबा वक्त बीत गया था।
वहां मेरी मुलाकात देश के अलग-अलग कोनों से आए लोगों से हुई। उनसे मुझे लैंग्वेज और कल्चर के बारे में जानकारी हुई। इसके अलावा मैं हिंदी फिल्में बहुत देखता था। इससे भी काफी हद तक नॉलेज बढ़ी।’
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से कौन सा एक्टर है, जिसके साथ संदीप काम करना चाहते हैं? जवाब में उन्होंने कहा, ‘शाहरुख सर के साथ काम करने की इच्छा है। उनसे दो बार मिला हूं। गणपति उत्सव के दौरान मेरी उनसे मुलाकात हुई थी।
मैंने उन्हें एनिमल का टीजर दिखाया था। उन्होंने इसे काफी पसंद किया था। शाहरुख के अलावा रणवीर सिंह के साथ भी काम करना चाहता हूं। रणवीर सिंह ने एनिमल देखने के बाद लंबा-चौड़ा मैसेज किया था। उन्होंने मेरे से फोन पर 40 मिनट बात भी की थी।’
संदीप की फिल्मों में एक्टर को बहुत गुस्से वाला दिखाया जाता है। क्या संदीप भी रियल लाइफ में ऐसे ही हैं। संदीप ने कहा कि वो इमोशनल और गुस्से वाले दोनों हैं। जैसे कबीर सिंह और रणबीर कपूर का किरदार कॉलेज में जाकर हंगामा करता है, क्या संदीप ने रियल लाइफ में ऐसा किया है। जवाब में संदीप हंसते हुए कहते हैं- आप कह सकते हैं कि मैंने ऐसा किया होगा।
फिल्म देखते वक्त पर्सनल एजेंडा नहीं आना चाहिए
पुरानी फिल्मों में देखा जाता था कि अगर कोई क्राइम करता है तो लास्ट में वो किरदार मारा जाता है। भले ही वो किरदार फिल्म का लीड एक्टर ही क्यों न हो। संदीप की फिल्मों में ऐसा क्यों नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘मेरी फिल्मों में एक्टर लंबे-लंबे लेक्चर्स नहीं देता। अगर वो स्क्रीन पर आकर यह कहे कि मैंने गलत किया है, तब ठीक है? लोगों को क्यों चाहिए कि एक्टर लास्ट में मर जाए। ऐसी बातें कहने वालों को एनिमल छोड़िए, अवतार जैसी फिल्म भी पसंद नहीं आएगी। फिल्म देखते वक्त पर्सनल एजेंडा नहीं आना चाहिए।’
महिला विरोधी होने का ठप्पा लगाने वालों को संदीप ने जवाब दिया है। संदीप ने कहा कि वो जल्द ही एक महिला प्रधान फिल्म बनाने वाले हैं। संदीप ने कहा कि उनके दिमाग में यह आइडिया बहुत पहले से है। अब दर्शकों को कितना पसंद आएगा, इसका आइडिया नहीं है, लेकिन फिल्म जरूर बनाएंगे।