भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार से कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वह पार्टी की तैयारियों को बारे में नेताओं से जानकारी लेंगे। इस दौरान जेपी नड्डा राज्य में हिजाब विवाद और मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने वाले केएस ईश्वरप्पा के मुद्दे समेत कई बातों पर भी चर्चा कर सकते हैं। भाजपा प्रमुख राज्य की अपनी यात्रा के दौरान पार्टी द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। इसके अलावा वह ऐतिहासिक मंदिरों का दौरा करेंगे।
दरअसल, नड्डा रविवार सुबह तोरणगल्लू पहुंचेंगे। वह होसपटे में श्री भत्राहल्ली अंजनेय मंदिर जाएंगे और प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे। वह प्रतिनिधियों के साथ सवाल-जवाब सत्र में भी हिस्सा लेंगे। अपनी यात्रा के दूसरे दिन जेपी नड्डा श्री विरुपक्षेश्वर मंदिर, हम्पी में यंत्रोधरक अंजनेय मंदिर, कदले कालू गणपा, ससुवे कालू गणपा, उग्रा, नरसिम्हा, बदावी लिंग और उग्राना वीरभद्र मंदिर सहित कई मंदिरों के दर्शन करेंगे। इसके अलावा नड्डा हम्पी में माल्यवंता हिल भी जाएंगे। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम की मुलाकात अंजनेय से माल्यवंत पर्वत पर हुई थी। यहां पद्मासन मुद्रा में भगवान राम की एकमात्र मूर्ति भी है। साथ ही भाजपा अध्यक्ष विश्व धरोहर स्थल विजया विट्ठल देवस्थानम का भी दौरा करेंगे, जो अपने पत्थर के रथ और संगीतमय स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है।
अपने दो दिवसीय दौरे पर नड्डा कमलापुर पुरातत्व संग्रहालय भी जाएंगे। वह महानवमी डिब्बा, विजयनगर पैलेस, बावड़ी, कमल महल, हाथी और हार्स लाइन्स में अतीत के गौरव के अवशेषों का दौरा करेंगे। जेपी नड्डा के अलावा भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और राज्य के अन्य नेताओं के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बारे में बैठक करने की उम्मीद है। यात्रा के दौरान नड्डा के राज्य में जमीनी स्तर की स्थिति का आकलन करने की उम्मीद है।
भाजपा महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह, सीएम बसवराज बोम्मई और राज्य भाजपा अध्यक्ष नलिन कतील के नेतृत्व में सात-आठ नेताओं वाली तीन टीमें भी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर की स्थिति का आकलन कर रही हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में भाजपा कर्नाटक पार्टी प्रमुख के पद पर फैसला ले सकती है। इसके अलावा कर्नाटक कैबिनेट में फेरबदल को लेकर भी चर्चा संभव है। जिसके लिए मुख्यमंत्री बोम्मई ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के कई दौरे किए थे। वहीं, ठेकेदार की मौत के मामले में ईश्वरप्पा के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।