उ0प्र0/लखनऊः राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के दबे-कुचले एवं पीड़ित समुदाय को न्याय प्रदान करने के लिए आयोग में सुनवाई प्रारम्भ कर दिया है। इस क्रम में आज राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, श्री जसवन्त सैनी द्वारा पिछड़े वर्गों के लोगों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कुल 19 शिकायती वादों की सुनवाई की गयी।
आयोग में श्री शिवबीर सिंह यादव बनाम निदेशक, बेसिक शिक्षा उ0प्र0 का प्रकरण सुना गया। इस वाद में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में आरक्षित पिछड़ी जाति के अभ्यार्थियों को 5 प्रतिशत छूट न दिये जाने के सम्बन्ध में था, सुनवाई की गयी। सुनवाई के उपरान्त अगली सुनवाई की तिथि पर सचिव, बेसिक शिक्षा उ0प्र0 शासन व सचिव परीक्षा नियामक, उ0प्र0 प्रयागराज को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।
इसी प्रकार श्री अतुल कुुमार प्रजापति बनाम प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन लि0 की सुनवाई की गयी, जिसमें उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 प्रबन्धन द्वारा पिछड़ी जाति के टी0जी0-2 कार्मिंकों का अवर अभियन्ता के पद पर प्रमोशन कारपोरेशन की बी0डी0ओ0 के पास वर्तमान लागू आदेश (वरिष्ठता तथा चयन) के आधार पर प्रमोशन न करके पूरे प्रदेश के पिछड़ी जाति के कार्मिकों का शोषण किये जाने के सम्बन्ध में था, सुनवाई की गयी। सुनवाई में प्रबन्ध निदेशक के उपस्थित न होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी।
आयोग द्वारा डा0 पारूल सिंह बनाम अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा उ0प्र0 शासन व महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा उ0प्र0 की सुनवाई की गई, जिसमें विभागाध्यक्ष डा0 डी0सी0 श्रीवास्तव द्वारा जातिगत भेदभाव एवं उत्पीड़न किये जाने के सम्बन्ध में था, सुनवाई की गयी। सुनवाई में अवगत कराया गया कि डा0 आनन्द कुमार, आर्थोंपैडिक्स को कार्यभार ग्रहण करा दिया जायेगा। आयोग के आदेश को न मानने वाले तथा विलम्ब करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।