राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में पांच विमान आज बुधवार को भारत के अंबाला एयरबेस पर पहुंच गए। उम्मीद दी थी कम से कम आज इस रक्षा खरीद पर विपक्ष की ओर से कोई सवाल नहीं उठाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने आज भी बेहद जरूरी इस रक्षा खरीद पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के भारत आने का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही चार सवाल भी पूछ लिए।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमानों की पहली खेप के भारत आने पर वायुसेना को बधाई दी और सवाल किया कि एक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये के बजाय 1670 करोड़ रुपये क्यों अदा की गई।उन्होंने यह सवाल भी किया कि 126 विमान के बजाय 36 विमान क्यों खरीदे गए और 30 हजार करोड़ रुपये का ठेका हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बजाय एक उद्योगपति को क्यों दिया गया।
उधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के भारत आने का स्वागत किया और कहा कि हर देशभक्त को यह पूछना चाहिए कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘राफेल का भारत में स्वागत! वायुसेना के जाबांज लड़ाकों को बधाई लेकिन आज हर देशभक्त को चार सवाल पूछने चाहिए। आप यह जरूर पूछे कि 526 करोड़ रुपये का एक राफेल अब 1670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया?’सुरजेवाला ने कहा, ‘126 राफेल की बजाय 36 राफेल ही क्यों खरीदा गया? मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन फ्रांस क्यों ? पांच साल की देरी क्यों की गई?’ कांग्रेस के सवालों पर रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में पलटवार भी किया। राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा कि इस खरीद ने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। राफेल अति उन्नत विमान हैं जिसके हथियार, रडार एवं अन्य सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक हथियार दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘एक राफेल विमान की कीमत तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपये तय की थी लेकिन चौकीदार महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी पूछे जाने के बावजूद आज तक एक राफेल कितने में खरीदा है बताने से बच रहे हैं। क्यों..? क्योंकि चोरी उजागर हो जाएगी! चौकीदार जी अब तो उसकी कीमत बता दें! गौरतलब है कि ऐसे वक्त में जब दुश्मन देश पांचवीं पीढ़ी के अति उन्नत विमानों के साथ आंखें दिखा रहे हैं तो वायुसेना में भी सर्वश्रेष्ठ तकनीक वाले फाइटर जेट विमानों की जरूरत महसूस की जा रही थी। भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपए का करार किया था। यह विमान दुश्मन देशों के विमानों से काफी उन्नत तकनीक से लैस है जो निश्चित तौर पर वायुसेना को बड़ी मजबूती देगा।