सिंगर की मानें तो वे आज जिस मुकाम पर हैं उसका श्रेय उनके पिता सरदार मलिक को जाता है। बता दें, सरदार मलिक उर्फ सारंगा मेन अपने वक्त के जाने माने इंडियन फिल्म म्यूजिक डायरेक्टर थे। हालांकि उनके बुरे वक्त में किसी ने उनका साथ नहीं दिया था।
अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए अनु मलिक कहते हैं- मैं अपनी सक्सेस का श्रेय अपने पिताजी को देता हूं क्योंकि उनके आंसुओं ने अनु मलिक को बनाया। उन्होंने बहुत दर्द देखा था, उनके पास पैसे नहीं थे, काम नहीं था। वे बहुत टैलेंटेड इंसान थे लेकिन उनकी टैलेंट की कभी किसी ने कदर नहीं की थी।
एक वक्त ऐसा आया था की वे किसी से मिलना भी नहीं चाहते थे। इंडस्ट्री के कई लोगों ने इतने जबरदस्त आदमी को एक कोने में फेंक दिया था। मेरे पिताजी के लिए स्टूडियो के दरवाजे बंद कर दिए गए थे। किसी ने उनकी मदद नहीं की।
उन्होंने आगे कहा- उस वक्त मैं केवल 10 साल का था। मैं उन्हें अकेले में रोता हुआ देखता था। उनकी ऐसी हालत देखकर मुझे और भी नाराजगी होती थी। मैंने तय कर लिया था की किसी भी हाल में अपने परिवार का नाम ऊंचा करूंगा।
मुझे याद है एक दिन मैंने उनके पैर छुए और उनसे वादा किया की मैं उनका नाम रोशन करूंगा। उनकी आसुओं और दर्द की वजह से आज मैं इस मुकाम तक पहुंच पाया हूं।
रियलिटी शो को लेकर अनु मलिक का मानना है की ये नए टैलेंट्स के लिए बहुत ही बेहतर प्लेटफार्म है। वे कहते हैं- मैं इन बच्चों को बहुत ही खुशनसीब मानता हूं की उन्हें इस तरह के रियलिटी शो के प्लेटफार्म मिलते है अपना टैलेंट दिखाने के लिए। हमारे वक्त ऐसा नहीं था। जब भी इन परफॉर्मर को देखता हूं तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं।
मैं बाजा लेकर यहां-वहां काम की तलाश में भटकता रहता था। हाथ जोड़कर लोगों से काम मांगता, निर्माता का दरवाजा खटखटाता, कई कंपोजर्स से गालियां भी खाई हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो मुझे धक्के मारकर बाहर फेंका गया ये कहकर की ‘फिर से काम मांगने मत आना’ लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी। मेरे ऊपर हमेशा से सरस्वती मां की कृपा रही हैं।
बातों ही बातों में अनु मलिक ने ‘सा रे गा मा पा’ को जज करने के अनुभव पर भी रौशनी डाली। अनु की माने तो उनका शो कभी भी टीआरपी के लिए फेक इमोशनल स्टोरी नहीं दिखाएंगे। इस बारे में वे कहते हैं- शो के मेकर्स इस बात को लेकर बहुत ही स्ट्रिक्ट हैं की वे सिर्फ टीआरपी के लिए किसी भी कंटेस्टेंट्स की फेक इमोशनल स्टोरी नहीं दिखाएंगे।
अब किसी की जर्नी दर्दनाक होंगी तो हम भी अपने आंसू भला कैसे रोकें? यकीन मानिए, हमारा विजन क्लाउडेड नहीं हैं, हम टीआरपी के लिए झूठी बातें नहीं दिखाएंगे। अगर कोई टैलेंटेड नहीं है और उसकी कहानी कितनी भी इमोशनल हो, हम उसे आगे नहीं बढ़ा सकते क्योंकि ऐसा करने से हम एक सच्चा टैलेंट खो देंगे।