हाथरस कांड: ममता बनर्जी बोलीं- यह किस तरह का नियम है? यूपी में अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दुष्कर्म पीड़िता के शव को परिजनों की अनुमति के बिना जलाने पर योगी सरकार पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में न केवल पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया, बल्कि उसके शरीर को जला दिया गया। अगर कोई अपराध हुआ है तो पुलिस को जांच करनी चाहिए। यह किस तरह का नियम है? कभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है, कभी ‘दलितों’ पर अत्याचार होता है और कभी ‘आदिवासियों’ पर अत्याचार होता है।’ 

गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को मवेशियों के लिए चारा लेने खेत गई 19 वर्षीय दलित लड़की को गांव के ही चार युवकों ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया था। हैवानों ने युवती के साथ दरिंदगी करने के बाद उसको जान से मारने की नीयत से उसका गला दबाया था, जिससे युवती के गर्दन की हड्डी टूट गई थी। 

लड़की को पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, फिर हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था। यहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़िता के शव को देर रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिससे पूरे देश के लोगों में गुस्सा है, लोगों ने इसे घोर अमानवीय करार दिया है।

मृतका के भाई ने कहा था कि जिला प्रशासन ने जबरदस्ती शव का अंतिम संस्कार किया है। परिजनों की इसमें कोई रजामंदी नहीं थी। लड़की के भाई ने तो यहां तक कहा है कि जो अंतिम संस्कार हुआ है, वह हमारी बहन भी थी या नहीं, हमें यह भी नहीं पता। अब दबंगों के डर से गांव से भी पलायन करना पड़ सकता है।

पीड़िता के भाई ने बताया कि उन्होंने हमसे कोई राय नहीं ली, जो किया अपनी मर्जी से किया। हम डरे हुए हैं। पुलिस ने हम पर दबाव डाला कि हम दीदी के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाएं।