हाथरस केस: सीबीआई जांच के बीच SIT ने योगी सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट

यूपी के हाथरस जिले में कथित गैंगरेप की चल रही सीबीआई जांच के बीच एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। घटना के तुरंत बाद ही सीएम ने सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। इसमें डीआईजी चंद्र प्रकाश और पीएसी आगरा की सेनानायक पूनम को सदस्य बनाया गया था। जांच के लिए एसआईटी को पहले सात दिनों का समय दिया गया था। यह टीम सीधे घटनास्थल से संबंधित चंदपा थाने पर पहुंची थी और घटना की जांच कर रहे सीओ सादाबाद से पूछताछ की थी। टीम थाने के पुलिसकर्मियों से पूछताछ के बाद पीड़ित परिवार का बयान लिया था। धीरे-धीरे जांच का दायरा बढ़ता गया।
हाथरस कांड में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पीड़िता के परिवार और विपक्ष के आरोपों के मद्देनजर यूपी सरकार ने पहले तीन सदस्‍यीय एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। लेकिन इस कांड को लेकर सरकार और पुलिस के एक्शन पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद यूपी सरकार ने सोमवार को यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था।
बूलगढ़ी गांव में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद देर रात सीआरपीएफ की एक कंपनी पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए पहुंच गई है। पहले दिन 16 जवानों ने पीड़ित परिवार की पूरी सुरक्षा की कमान संभाल ली है। घर से लेकर मुख्य द्वार तक जवान हथियारों के साथ मुस्तैद है। बिना उनकी अनुमति के कोई प्रवेश नहीं कर पाएगा। परिवार के लोग जहां भी जाएंगे, जवान उनकी सुरक्षा में रहेंगे। 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा था कि वे राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए उठाए गए कदम से आश्वस्त हैं। इसके बाद सीआरपीएफ को सुरक्षा का जिम्मा दिया। रविवार को सीआरपीएफ ने घर के अंदर के अलावा छत, गली और आसपास के कड़ी निगहबानी शुरू कर दी है। आने जाने वाले पर पैनी नजर रखी जा रही है।
अब तक पीड़ित परिवार की सुरक्षा में यूपी पुलिस और पीएसी के जवान लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीएफ को सुरक्षा का जिम्मा दे दिया। इसलिए शनिवार की रात के करीब बारह बजे रामपुर की 39 वटालियन के 80 जवान सीधे रोहई के डिग्री कॉलेज पहुंच गए। रविवार की सुबह होते ही 16 जवान पीड़ित परिवार के घर पहुंच गए। सुरक्षा की कमान संभाल ली। घर के मुख्य द्वार पर जवान हथियारों के साथ चौबीस घंटे सुरक्षा करेंगे। कुछ जवान पीड़ित परिवार के घर की छत पर रहकर निगरानी करेंगे। चार शिफ्टों में जवानों की ड्यूटी लगायी गई है।
पीड़ित परिवार के घर के बाहर अभी भी सिविल पुलिस लगी है। अब परिवार के सदस्य अगर कहीं बाहर जाएंगे तो सिविल पुलिस नहीं जाएगी। उसकी जिम्मेदारी सीआरपीएफ ने संभाल रखी है। हाइवे से गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर पीएसी के जवान तैनात है।
हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस लड़की की बाद में 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस ने रात में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। परिवार का कहना है कि उसकी मर्जी से पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, वहीं पुलिस ने इन दावों को खारिज किया।

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आदर्श कुमार

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