आजमगढ़ से व्यापारी इश्तियाक का अपहरण कर उसे लूटने के मामले में आरोपी लखनऊ के हसनगंज इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। जबकि आरोपी दरोगा अनुराग द्विवेदी और सिपाही यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। लखनऊ पुलिस ने आजमगढ़ के व्यापारी को किडनैप करने के बाद लखनऊ के होटल में रखा था और फिरौती के एक लाख 20 हजार की मांग की थी। अपहरण पुलिस वालों और व्यापारी के दोस्त शेखर ने मिलकर किया था। बाद में लूट की रकम के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया और शेखर ने मीडिया के सामने सारे राज उगल दिए। घटना 29 नवंबर की है। दो दिसंबर को व्यापारी और आरोपी शेखर का वीडियो सामने आया तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने को मजबूर हुई।
आजमगढ़ के बिजनौर भोगनवाला निवासी व्यापारी इश्तियाक ने 29 नवंबर को 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर अपहरण की सूचना दी। उसने पुलिस को बताया कि उसे आजमगढ़ बस अड्ड़े से कुछ लोग खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए अगवा कर लखनऊ के निरालानगर स्थित चरन गेस्ट हाउस लाए और बंधक बनाकर लूटपाट की। अपहरण के इस मामले ने तूल पकड़ा। फिर हसनगंज थाने के एक दारोगा और सिपाही समेत 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दारोगा और सिपाही को हिरासत में लिया गया है।
हसनगंज इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह के मुताबिक, अपहरण की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम के साथ वह मौके पर पहुंचे। इश्तियाक के साथ होटल में उसका दोस्त शेखर उर्फ चुन्नू भी मौजूद था। पूछताछ के दौरान पीड़ित व्यापारी और उसके दोस्त चुन्नू ने बताया कि अपहरण करने वालों ने 20 हजार नकद और 50 हजार रुपए कीमत के कपड़े लूट लिए। उसे छोड़ने के लिए 1.20 लाख रुपए की फिरौती मांगी।
ये व्यापारी का दोस्त और पुलिस का पुराना मुखबिर शेखर उर्फ चुन्नू कुमार सिंह है। अपहरण में इसके भी शामिल होने का आरोप है। इस पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है।
जांच के दौरान पता चला कि इस अपहरण में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी‚ मुख्य आरोपित यूसुफ हुसैन‚ हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता‚ नसीम‚ श्रवण साहू हत्याकांड में बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव और इश्तियाक के दोस्त शेखर उर्फ चुन्नू कुमार सिंह ने वारदात को अंजाम दिया।
जांच में दोषी पाए जाने और अधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर हसनगंज राजकुमार ने लूट‚ अपहरण‚ बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। DCP अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपी पुलिसकर्मियों की जांच कराई जा रही है।
इंस्पेक्टर ने जो FIR दर्ज कराई है, उसमें एक आरोपी शेखर उर्फ चुन्नू कुमार सिंह है। ये पुलिस का पुराना मुखबिर है। हसनगंज में तैनात दरोगा के साथ वह भी आजमगढ़ गया था। पुलिस के इस खेल की पोल उसके मुखबिर ने ही खोल दी। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम में रकम बंटवारे को लेकर विवाद हुआ था और शेखर नाराज हो गया। वह इश्तियाक का साथ देते हुए पुलिस की पोल खोल दी। शेखर इश्तियाक के साथ मीडियाकर्मियों को बयान दिया। दोनों के बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गए‚ जिसके बाद पुलिस के इस खेल से पर्दा उठा।
पुलिस के मुखबिर ने मीडिया के आगे मुंह खोल दिया। पुलिस सर्विलांस टीम देर रात चिनहट स्थित शेखर के घर दबाव बनाने पहुंची। घर पर शेखर की पत्नी अकेली थी। बिना अनुमति सर्विलांस टीम शेखर के घर में घुसी और तलाशी ली। बिना महिला पुलिसकर्मी के घर में घुसे पुलिसकर्मियों की शेखर की पत्नी ने वीडियो बना ली‚ जो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
इसके बाद हसनगंज थाने के दरोगा अनुराग द्विवेदी और हेड कॉन्स्टेबल यूसुफ हुसैन के साथ बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव को पुलिस ने मुख्य आरोपी मानते हुए 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव और अन्य की तलाश में पुलिस की कई टीम जुटी।
लखनऊ के हसनगंज इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह को आजमगढ़ से व्यापारी इश्तियाक का अपहरण कर उसे लूटने के मामले में निलंबित कर दिया गया
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