मुख्य चिकित्सा अधिकारी रोहताश कुमार ने बताया है कि क्षय(टीबी) रोगियों की पहचान से पाँच दिसम्बर तक सक्रिय क्षय रोगी खोज(एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान राष्ट्रीय क्षय(टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत चलेगा। एसीएफ के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा संभावित क्षय रोगियों की पहचान की जाएगी तत्पश्चात इन संभावित क्षय रोगियों की टीबी की जांच की जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर उनका इलाज शुरू किया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ नौमान उल्ला ने बताया कि एसीएफ अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, ईंट भट्टे, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, फल मंडी, सब्जी मंडी, क्रेशर, खदानों, बाल संरक्षण गृह, लेबर मार्केट, नवोदय विद्यालय आदि में भी चलाया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि कुल आबादी की 20 फीसद आबादी को आच्छादित करते हुए शहरी एवं ग्रामीण बस्ती तथा हाई रिस्क क्षेत्र में यह अभियान चलेगा अर्थात जनपद की कुल आबादी पचास लाख है, इसका 20 फीसद यानि करीब 10 लाख की आबादी में एसीएफ चलेगा। जिसके लिए माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। एसीएफ में 343 टीमें लगाई गयी हैं इन टीमों का सुपरविजन 72 सुपरवाइजर करेंगे और हर टीम में आशा, आंगनबाड़ीकार्यकर्ता एवं कम्युनिटी वालंटियर रहेंगे। उन्होंने बताया एसीएफ साल 2017 में शुरू हुआ था। यह साल में दो बार चलाया जाता है। इस साल मार्च में यह अभियान चला था जिसमें 149 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई थी तथा इनका टीबी का इलाज शुरू हुआ। वर्तमान में सभी 149 टीबी रोगियों का इलाज पूरा हो चुका है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 10272 टीबी रोगी हैं जिनमें 8904 पल्मोनरी और 1368 एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के मरीज हैं । प्रधानमंत्री ने साल 2025 तक देश से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में एसीएफ महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसके माध्यम से अधिक से अधिक लक्षित आबादी तक पहुंचकर क्षय रोगियों को चिन्हित करने का प्रयास करेंगे जिससे कि उनका टीबी का इलाज शुरू किया जाये।