उप निदेशक कृषि डॉ0 नन्द किशोर ने बताया है कि आजकल की भागदौड़ की जिन्दगी में एवं प्रदूषण से प्रभावित पर्यावरण से प्रभावित हो रहे, वातावरण में शुद्ध गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न, फल, सब्जी, दूध की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है। खेती किसानी से जुड़े अन्नदाता किसान भाईयों द्वारा अंधाधुन्ध किये जा रहे उरर्वकों, रोगनाषी एवं कीटनाषी रसायनों के साथ-साथ अधिक मात्रा में सिंचाई के पानी के उपयोग के कारण जहॉ एक ओर उत्पादन की लागत बढ़ती है वही दूसरी ओर पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और किसानों की आमदनी घटती है। जनपद के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह कहते है कि उपरोक्त समस्या का समाधान केवल गौ आधारित प्राकृतिक खेती से ही सम्भव है। उन्होने बताया कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती में देशी गाय के गोबर गौमूत्र से जीवामृत, बीजामृत एवं घनजीवामृत तैयार किया जा सकता है, जिसे उर्वरक के विकल्प के रूप में खेत में पलेवा एवं सिंचाई के पानी के रूप में प्रयोग करके अच्छी पैदावार जनपद के किसान प्राप्त कर रहे हैं। रोगनाषी एवं कीटनाषी रसायनों की जगह पर देशी गाय के गोबर गौमूत्र के साथ नीम एवं धतूरा आदि की पत्तियॉ मिलाकर नीमास्त्र एवं अग्निअस्त्र तैयार कर इनका छिड़काव से किसान अपनी फसलों को रोगों एवं कीटों से बचाव कर रहे है। इससे जहॉ एक ओर किसानों की खेती की लागत में कमी आ रही है और दूसरी ओर बाजार मूल्य से 25 प्रतिशत से अधिक मूल्य पर उत्पाद की विक्री होने से किसान भाईयों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है। इससे भूमि की उवर्रा शक्ति बढ़ जाती है एवं पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में उत्कृर्श कृषि प्रोड्यूसर कम्पनी लि0 ग्राम गोड़वा विकास खण्ड भरावन, लक्ष्य उदय फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि0 ग्राम बरखेरवा विकास खण्ड अहिरोरी एवं सिलवारी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि0, ग्राम सिलवारी विकास खण्ड भरखनी द्वारा अपने-अपने कृषक उत्पादक संगठन एफ0पी0ओ0 द्वारा 300 एवं 300 से अधिक किसानों को संगठित कर गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जा रही है। इसमें आम, डैंगनफू्रट, गेहॅू, काला गेहूॅ, लाल अरहर, मूॅंगफली एवं हल्दी की खेती की जा रही है। कृषक उत्पादक संगठन एफ0पी0ओ0 द्वारा मुख्य रूप से गौ आधारित प्राकृतिक खेती से उत्पादित आम का निर्यात रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान एवं सउदी अरब में किया जा रहा है। आगामी दिनों में इन देशों के साथ-साथ नाइजेरिया में आम का निर्यात किया जायेगा। इसके अलावा आम, डैंगनफू्रट एवं अन्य उत्पाद बगलौर, दिल्ली, लखनऊ एवं कानपुर में विक्रय कर अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा रहा है। वर्तमान में किसानों द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती 105 हे0 में की जा रही है तथा अगामी दिनों में 1100 हे0 क्षेत्रफल पर किसानों को गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।