तुम मनाओगे आजादी का अमृत महोत्सव
हम मनाएंगे देश की बर्बादी का हिसाबोत्सव
महोत्सव तो तब मनाया जाता है जब हमें हमारे परिवार सगे संबंधियों समाज और देश में खुशी हो यहां कैसी खुशी
कहीं यह खुशी आजादी के लिए तो नहीं कि इसी माह में हमारा देश आजाद हुआ था
तो क्या हम उस सच्ची आजादी को प्राप्त कर लिए हैं जिसकी अपेक्षा/सपना हमारे महापुरुषों ने देखी थी या जिस जगह से महापुरुषों ने यह देश समाज हम सब को सौंपा था क्या हम सब या जिन प्रतिनिधियों को हमने चुना उन सबने इस देश को ऐसी दिशा दी जिससे हमारा देश किसान कामगार एक अच्छी स्थिति तक पहुंच सकें पर सारे प्राकृतिक संसाधन होते हुए भी हम हर एक क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं यह जो अमृत महोत्सव मनाने की बात है वह कहीं आर एस एस/ भाजपा का एक षड्यंत्र तो नहीं कि इस देश को भुखा नंगा कर के खुशीया मनाईं जाएं।
जैसे जब कोरोना काल में देश बहुत बड़े संकट से जूझ रहा था तब यही आर एस एस भाजपा वाले ताली और थाली बजवा रहे थे।
और आज जब इस देश का किसान नौजवान कामगार नौकरी पेशे वाला हर व्यक्ति परेशान हैं तो यहां सघी खुशियां मनाने की बात कर रहे हैं
किसानों के खिलाफ कानून लाकर किसानों की जमीन छीनने की तैयारी चल रही है सभी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को निजी हाथों में देकर देश के युवाओं और नौजवानों की नौकरियां छीनी जा रही है महंगाई भी अपने चरम पर है चाहे वह कोई भी फैक्ट्री निर्मित वस्तु हो भले ही उसका उत्पादन किसान करता हों पर जैसे ही किसान के हाथों से वह कच्चा माल व्यापारी के पास पहुंचता है वैसा ही उसका मूल्य कई फीसदी बढ़ जाता है। गैस, पेट्रोल डीजल की कीमत पहले की तुलना में कई फीसदी बढ़ गए देश के आर्थिक हालात बहुत ही दयनीय है रुपया भी दिन प्रतिदिन गीरता जा रहा है देश की अर्थव्यवस्था भी दिन प्रतिदिन गीर ही रही है
और इसी देश में इंसान के जान की कीमत एक जानवर (गाय भैंस) से कही ज्यादे कम हों गई है
और इस देश के संघी सरकारों का ऐसा एजेंडा है कि कृषि प्रधान देश होते हुए भी इस देश में लोग भुख से मर जा रहें हैं पर यह संघी सरकार सिर्फ विभिन्न प्रदेशों में अपनी सरकार ही बनाने में व्यस्त हैं
और जब कृषि प्रधान देश है फिर भी यह देश हंगर इंडेक्स में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है कही न कही इन सब की जिम्मेदार यही संघी सरकार हैं जो इस देश को इतने निचले स्तर पर लेकर जा रही है
आखिरकार कैसे मनाएं हम अमृत महोत्सव कैसे मनाएं हम खुशियां
हम मनाएंगे देश की बर्बादी का हिसाबोत्सव
इंजी अलप भाई पटेल
सामाजिक चिंतक और किसान नेता
सोनभद्र,उत्तर प्रदेश