इजराइल-हमास जंग के बीच हुए सीजफायर के छठे दिन हमास ने कुल 16 लोगों को आजाद किया। पहले दो रूसी-इजराइली महिलाओं को रिहा किया गया। बाद में 10 इजराइली और 4 थाई नागिरकों को आजाद किया। इसकी जानकारी इजराइली सेना ने दी। ये सभी बंधक मिस्र पहुंच गए हैं और इन्हें इजराइल को सौंपा जाना है। बदले में इजराइल 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
150 लोग अब भी हमास की कैद में हैं। पांच दिन के सीजफायर में हमास ने 97 बंधकों को छोड़ा है। 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी 241 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। वहीं, इजराइल 180 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर चुका है।
सीजफायर का आज आखिरी दिन है। हमास सीजफायर को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, लेकिन इजराइली पीएम नेतन्याहू अभी इस पर सहमत नहीं हुए हैं। वे सीजफायर खत्म होते ही फिर से जंग शुरू करने की बात कह चुके हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ दोनों के बीच डील करवाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हमास ज्यादा से ज्यादा बंधकों को रिहा कर दे।
इस बीच गाजा के हाल सुधर नहीं रहे हैं। जंग के चलते गाजा में मानवीय संकट बना हुआ है। यहां लोगों के पास रहने को घर नहीं है। वो सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। खाना-पानी भी मुश्किल से मिल रहा है। सीजफायर के दौरान राहत का सामान लिए ट्रक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन ये सामान लेने लोगों को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।
गाजा में फिलिस्तीनी लोग आटे की कई बोरियां एक साथ ले जा रहे हैं। उनका कहना है कि इजराइली हमले कभी भी शुरू हो सकते हैं। वो पहले से खाना स्टोर कर रहे हैं।
अलजजीरा के मुताबिक, हमास का कहना है कि इजराइली बमबारी में 3 कैदी मारे गए थे। इनमें 10 महीने का बच्चा शामिल है। हमास ने कहा- इजराइली बमबारी ने 10 महीने का केफिर बिबस, उसका 4 साल का भाई और मां मारी गई थीं। फिलहाल इजराइल ने इस पर कोई जानकारी नहीं दी है।
हमास ने जिन लोगों को बंधक बनाया उनमें शिरी बाबा और उनका 10 महीने का बेटा केफिर भी शामिल है। हमास का कहना है कि इनकी मौत हो गई है।
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर किया था। आतंकी कई लोगों को बंधक बनाकर ले गए थे। खबरें थीं कि इस दौरान आतंकियों ने महिलाओं और बच्चियों का रेप किया। जंग शुरू होने के बाद पहली बार 29 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस यौन हिंसा पर बयान दिया। उन्होंने कहा- 7 अक्टूबर को हुई यौन हिंसा की भी जांच होनी चाहिए।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने हमास और हिज्जबुल्लाह जैसे आतंकी संगठन को फंड देने वाले ईरान के फाइनैंशियल नेटवर्क पर पर्तिबंध लगा दिया है। इस नेटवर्क से जुड़े 20 लोगों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। ईरान इन संगठनों का समर्थन करता है। इन्हें हथियारों की सप्लाई भी करता है।पिछले महीने हमास कैद से आजाद हुई 85 साल की योचेवेद लिफशिट्ज हमास लीडर याह्या सिनवार से मिली थीं। हाल ही में टाइम्स ऑफ इजराइल की खबर में कहा गया था कि हमास लीडर याह्या सिनवार ने गाजा की एक सुरंग में इजराइली बंधकों से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के दौरान योचेवेद लिफशिट्ज ने सिनवार से बात की थी। लिफशिट्ज ने कहा- सिनवर हमारे साथ तीन-चार दिन रहा था। मैंने उससे पूछा था कि उसे ये सब करते हुए खुद पर शर्म क्यों नहीं आती। तुम शांति की मांग करने वालों के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो। ये सब सुनने के बाद सिनवर चुप था। उसने कुछ नहीं कहा।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने कहा- गाजा में नरसंहार फिर से शुरू नहीं हो सकता। यहां पूर्ण युद्धविराम की जरूरत है। अल-मलिकी का यह बयान नेतन्याहू के बयान के बाद सामने आया। नेतन्याहू ने 29 नवंबर को कहा था-हमारा मकसद हमास का खात्मा करना है। हम नहीं चाहते कि इजराइल पर दोबारा कोई खतरा मंडराए। इजराइली सेना सीजफायर खत्म होने के बाद हमले शुरू कर देगी।
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।