हरियाणा में सोमवार को विधानसभा चुनाव के लिए 65 फीसदी मतदान हुआ. इसकी तुलना में मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में वोटर टर्नआउट केवल 51 फीसदी दर्ज किया गया. गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र में 100 फीसदी आबादी शहरी है, इसके बावजूद 51.20 फीसदी वोटिंग चौंकाने वाली है. गुरुग्राम से सटी अन्य विधानसभा सीटों पर भी काफी अच्छी वोटिंग नहीं हुई. बादशाहपुर (45%), सोहना (59%) और पटौदी में 50% मतदान दर्ज किया गया. प्रदेश चुनाव आयोग ने ये आंकड़े जारी किए हैं. कम मतदान प्रतिशत का आंकड़ा तब है जब गुरुग्राम के चारों विधानसभा क्षेत्रों में इस बार 2.08 लाख नए मतदाता जुड़े हैं. अकेले गुरुग्राम में इस बार 65141 नए वोटर्स शामिल हुए हैं.
गुरुग्राम में इस बार दिलचस्प लड़ाई
गुरुग्राम निर्वाचन क्षेत्र में इस बार चौतरफा लड़ाई के संकेत हैं.बीजेपी की तरफ से सुधीर सिंगला, कांग्रेस के सुखबीर कटारिया, आम आदमी पार्टी के रणवीर सिंह राठी और निर्दलीय मोहित ग्रोवर के चुनावी मैदान में कूदने से लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. हालांकि, जिस हिसाब से इतनी कम संख्या में मतदाताघर से बाहर निकले हैं, उस लिहाज से कहा जा रहा है कि मुंबई की तरह यहां के वोटर्स ने भी अपने नेताओं को नकार दिया है.
पोलिंग बूथ पर नहीं दिखी भीड़
गुरुग्राम में पोलिंग बूथों पर ज्यादा भीड़ नहीं दिखी. हालांकि, हरियाणा के अन्य इलाकों में लोग सुबह से कतार में लगे दिखे. गुरुग्राम में मतदाताओं का मानना है कि हरियाणा को सबसे ज्यादा राजस्व देने के बावजूद इस इलाके पर खट्टर सरकार का ज्यादा ध्यान नहीं है. गुरुग्राम के बारे में एक सीनियर सिटिजन ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास काफी धीमा है, पूरे शहर में भयंकर जाम लगता रहता है, मॉनसून में जलजमाव आम समस्या है. अंदरूनी इलाके की सड़कें बेहद खराब हालत में हैं जिससे यहां जीना भी दुश्वार है.’
खट्टर सरकार से नाराजगी?
एक व्यवसायी ने कहा, ‘हम काफी टैक्स चुकाते हैं और रोजगार पैदा करते हैं. ऑटो से जुड़ी दर्जनों सहायक कंपनियां प्रभावित हुई हैं लेकिन राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है, बीजेपी की डबल इंजन सरकार का फिर क्या फायदा? दूसरी ओर महिला मतदाता सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं. महिलाएं अपराध की दर से काफी चिंतित हैं. कुछ मतदाताओं का यह भी कहना है कि चुनावी अभियान में अरावली हिल का खनन मुद्दा बिल्कुल गायब रहा.
ग्रामीण इलाकों में भी कम मतदान
गुरुग्राम से सटे बादशाहपुर, सोहना और पटौदी में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इन विधानसभा क्षेत्रों में भी कम वोटिंग हुई है. हरियाणा में सोमवार को अहोई अष्टमी व्रत रखा गया. महिलाओं ने अपने बच्चों के लिए उपवास रखा और घर में ही रहना मुनासिब समझा. महिलाओं के वोटर टर्नआउट में कमी का एक कारण यह भी माना जा रहा है.