रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान दिल्ली संसद हमला जैसी घटना की प्लानिंग कर रहा था गुरपतवंत सिंह पन्नू

खालिस्तानी आतंकी प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान दिल्ली संसद हमला जैसी घटना की प्लानिंग कर रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों को जो इनपुट मिले हैं, उसके मुताबिक पन्नू अपने लोगों के जरिए विरोध-प्रदर्शन की आड़ में बड़ी घटना को अंजाम देने वाला था।
यूपी एटीएस ने पन्नू के भेजे गए आडियो मैसेज और पकड़े गए उसके तीनों समर्थकों के बयान के आधार पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के साथ सभी सुरक्षा एजेंसियां में अयोध्या से पकड़े गए खालिस्तान संगठन के समर्थक गैंगस्टर शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद, उसके साथी अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया के बयानों की बारीकी से जांच कर रही हैं। गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़े मामलों की भी छानबीन शुरू हो गई है। अयोध्या समेत पूरे यूपी में इस संगठन से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए विशेष तौर पर अभियान शुरू कर दिया गया है।
अयोध्या जाने वाले हर छोटे-बड़े वाहनों की चेकिंग की जा रही है।वहां के होटल-लॉज के साथ घरों में रुकने वाले बाहरी लोगों की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है।
यूपी एटीएस के सोर्स के मुताबिक शंकर और उसके साथियों की गिरफ्तारी होने के बाद पन्नू ने आडियो जारी करके साफ कर दिया कि पकड़े गए संदिग्ध खालिस्तानी समर्थक हैं। वह आडियो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकियां देने के साथ अयोध्या से पकड़े गए लोगों को छोड़ने की मांग करता हुआ था।
जिसके बाद यूपी एटीएस ने तीनों के साथ ही पन्नू के खिलाफ यूपी एटीएस थाने में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाने, साजिश करने और देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।यूपी एटीएस के मुताबिक तीनों पर कोई शक न करे, इसके लिए यह लोग योजना के तहत अपनी स्कार्पियो पर श्रीराम का झंडा लगाया था। साथ ही, माथे पर टीका लगाकर अयोध्या की रेकी कर रहे थे।
पकड़े गए शंकर ने राजस्थान निवासी धर्मवीर महाला के नाम से भी आधार कार्ड बनवा रखा था। उसने पकड़ी गई स्कार्पियो के भी फर्जी दस्तावेज अपने नाम बनवाए थे।
जबकि गाड़ी फरीदाबाद निवासी श्रवण कुमार सरसवा के नाम है। एटीएस की टीम गाड़ी और उसके मालिक के विषय में भी जानकारी जुटा रही है।