10 से 12 फरवरी में लखनऊ की राजधानी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। सीएम योगी ने ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट की तैयारियों को लेकर बुधवार सुबह समीक्षा बैठक की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, आगरा और वाराणसी में मोहक साज-सज्जा और विदेश से आने वाले अतिथियों का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया जाए।
सीएम ने कहा कि जी-20 की मेजबानी को अविस्मरणीय बनाने लखनऊ में जी-20 पार्क भी बनाया जाएगा। ब्रांड यूपी से दुनिया का परिचय कराने के लिए यह जी-20 सम्मेलन बहुत ही ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर है। इस संबंध में होने वाली सभी तैयारियों को समय के साथ पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 सम्मेलनों के सफल आयोजन के लिए उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 सम्मेलनों के सफल आयोजन के लिए उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आजादी के अमृत महोत्सव में वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को विश्व के बड़े राष्ट्रों के समूह जी-20 की अध्यक्षता करने का गौरव प्राप्त हुआ है। G-20 ब्रांड यूपी को दुनिया से परिचय कराने का शानदार मंच है, हमें समारोह का अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए इसके लिए सभी तैयारियां की जाए।
भारत की अध्यक्षता वाले जी-20 के एक वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ आगरा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग कार्यक्रम होने प्रस्तावित हैं।
जनपदों में ‘अतिथि देवो भव’ की भारतीय भावना के अनुरूप आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी की जाए। यह आयोजन स्वच्छता, सुंदरता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का मानक हो, इसके लिए एक टीम के रूप में सभी को प्रयास करना होगा।
विदेशी आगन्तुकों की सुरक्षा के मानक अनुरूप प्रबंध किए जाएं। मेडिकल इमरजेंसी, ट्रैफिक आदि के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था की जाए।
अतिथियों के भोजन में उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण खान-पान संस्कृति का समावेश होना चाहिए।
जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी वाले शहरों को भव्य स्वरूप दिया जाए। शहर में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व वाली विरासतों पर आकर्षक लाइटिंग की जानी चाहिए।
अतिथियों के भ्रमण रूट पर दीवारों पर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले चित्रों को प्रदर्शित किया जाए।
भारत की योग परंपरा को आज पूरी दुनिया अपना रही है, ऐसे में सूर्य नमस्कार के विभिन्न मुद्राओं को प्रदर्शित करती हुई प्रतिमाएं लगाई जा सकती हैं।
सभी चार शहरों में होने वाले आयोजन में स्थानीय संस्कृति को थीम बनाया जाए। जैसे, राजधानी लखनऊ में अवध संस्कृति, आगरा में ब्रज संस्कृति, रंगोत्सव, वाराणसी में गंगा संस्कृति को थीम बनाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
प्रदेश आगमन पर पुष्पवर्षा के साथ अतिथियों का स्वागत किया जाए। स्थानीय सांस्कृतिक समूहों, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें।
जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी एक ऐतिहासिक अवसर है। इसे अविस्मरणीय बनाने के लिए राजधानी लखनऊ में एक ‘जी-20 पार्क’ की स्थापना की जानी चाहिए।
इस संबंध में स्थान का चिन्हांकन कर पार्क की रूपरेखा के संबंध में कार्ययोजना तैयार की जाए।जी-20 सम्मेलनों में सुरक्षा व्यवस्था एक महत्वपूर्ण विषय है।
गृह विभाग द्वारा सभी डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाए। हर डेलीगेट्स के साथ एक लाइजनिंग अधिकारी की तैनाती की जाए। लाइजनिंग अधिकारी की विधिवत ट्रेनिंग कराई जाए।
हर प्रकार के बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आशंकाओं के दृष्टिगत कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किये जायें। साइबर अपराध के प्रयासों पर भी नजर रखी जाए।
अग्निशमन के लिए मानक अनुरूप इंतजाम होने चाहिए। बेहतर सर्विलांस, इंटेलिजेंस इनपुट आदि के लिए भारत सरकार से यथा आवश्यक मार्गदर्शन लिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने भारत को ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ की संज्ञा दी है। उत्तर प्रदेश के पास समृद्ध इतिहास की विरासत है।
जी-20 के मंच पर प्रदेश की प्राचीन कला, संस्कृति, इतिहास, पुरातात्विक विशिष्टताओं का संकलन कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
प्रदेश की समृद्ध अर्थव्यवस्था, जीडीपी, औद्योगिक विकास आदि का भी प्रदर्शन किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार के हर आयोजन, प्रत्येक पत्राचार पर जी-20 के लोगो का प्रयोग किया जाए।
व्यापक जनसहभागिता से ही यह सम्मेलन अपने उद्देश्यों में सफल होगा। जी-20 आयोजन से अधिकाधिक युवाओं को जोड़ा जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों में इस विषय पर विशेष चर्चा-परिचर्चा आयोजित की जानी चाहिए।
आयोजन वाले सभी चार शहरों में प्रदेश के युवा चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाए। इसके अलावा, पुस्तक मेला, योग चैलेंज, क्राफ्ट मेला, स्कूल स्तर पर नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए।
स्थानीय प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक वाहनों पर जी-20 की ब्रांडिंग की जाए। ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित कार्यक्रमों के आयोजन में तीनों स्थानीय विकास प्रधिकारणों को भी जोड़ा जाए। जी-20 की मेजबानी सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुंदरीकरण के लिए भी अच्छा मौका है। जिस रूट पर डेलीगेट्स का आवागमन होना है, आवश्यकतानुसार वहां की सड़कों को व्यवस्थित कराया जाए।
स्वच्छता पर हमें खास ध्यान देना होगा। जिन शहरों में सम्मेलन होने हैं, वहां कार्यक्रम की तिथि से एक सप्ताह पूर्व स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जाए। इन शहरों को प्लास्टिक फ्री बनाने का प्रयास हो। जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें, जनसहभागिता को बढ़ाएं।