प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश में गोहत्या व गोवंश को शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर कठोर सजा वाले प्रावधान लागू हो गए हैं। इस अध्यादेश के तहत यूपी में गाय की हत्या पर 10 साल तक की सज़ा और 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। इसके अलावा गोवंश के अंग भंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख तक जुर्माना देना पड़ेगा। यही नहीं इस अपराध के अभियुक्तों की फोटो पोस्टर सार्वजनिक जगह पर लगाई जा सकेगी।
योगी कैबिनेट ने साल 1955 के इस पुराने क़ानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंगलवार को मंज़ूरी दे दी थी और मंजूरी के लिए राजभवन भेजा था। चूंकि राज्य विधानमंडल का सत्र नहीं ही रहा है इसलिए उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 लाया गया है। छह माह में इसे विधानमंडल से विधेयक के रूप में पास कराना होगा।
इस अध्यादेश का मक़सद उत्तर प्रदेश गोवध निवारण क़ानून, 1955 को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाना तथा गोवंशीय पशुओं की रक्षा और गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाना है। सरकार का कहना है कि इस संशोधन से गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परि-रक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा और गोवंशीय पशुओं के अनियमित परिवहन पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी।