राज्यपाल सत्यपाल मलिक की आपत्ति के बाद गोवा सरकार ने नया राजभवन बनाने की योजना पर अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। राज्यपाल ने सरकार से कहा था कि राज्य की वित्तीय हालत में सुधार होने तक इस प्रोजेक्ट को स्थगित रखा जाए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हाल ही में कहा था कि गोवा में राजभवन परिसर का निर्माण कराया जाएगा। जमीन की पहचान करने जैसे काम जल्दी ही शुरू कर दिए जाएंगे।
राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग शनिवार को कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य की वित्तीय हालत सुधरने तक नए राजभवन के प्रस्ताव को टालने का आग्रह किया है। राज्यपाल का मानना है कि ऐसे समय में जब राज्य कोविड-19 का सामना कर रहा है और वित्तीय संकट से गुजर रहा है, नए राजभवन के निर्माण का विचार अप्रासंगिक है। राज्यपाल ने लिखा है कि राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिका बहुत सीमित है और उन्हें नए राजभवन की जरूरत नहीं है।
इस बीच विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने शनिवार को गोवा के राज्यपाल सत्य पाल मलिक के कोरोना महामारी के बीच राजभवन प्रोजेक्ट को बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया, शनिवार को विपक्षी नेता ने इसको लेकर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, यह हर सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करे। जरूरतमंदों को बुनियादी सुख सुविधा प्रदान करना, हर प्रभावी प्रशासन के एजेंडे को शीर्ष पर लाना चाहिए। मैं नए राजभवन परियोजना को बनाए रखने के लिए गोवा के माननीय राज्यपाल के निर्णय का स्वागत करता हूं। आर्थिक पुनरुद्धार समय की आवश्यकता है।
इस बीच गोवा में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को गोवा में 280 नए COVID-19 मामले दर्ज किए गए, जिसेस राज्य में कोरोना वायरस मामलों की गिनती 6,193 तक पहुंच गई है। राज्य में अब तक 4,438 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 48 की मौत वायरस से हुई है।