अपने ही सांसदों के हमलों का शिकार हुई सरकार, रूडी और हेमा मालिनी ने दिखाए तेवर

लोकसभा में सोमवार को सरकार को अपने ही दो सांसदों के हमले का शिकार होना पड़ा। सांसद राजीव प्रताप रूडी और हेमामालिनी ने प्रश्नकाल के दौरान पर्यटन मंत्रालय के कामकाज पर सवाल उठाए। रूडी की पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल से देर तक नोंकझोंक हुई तो हेमामालिनी ने मथुरा का हवाला देते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि धार्मिक पर्यटन परियोजना पर बीते पांच साल में दिखाने लायक कोई काम नहीं हुआ। हमले की शुरुआत रूडी ने की। उन्होंने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म को ले कर वह लगातार तीन साल से कोशिश कर रहे हैं। सोनपुर का विश्व प्रसिद्घ मेला और उनके संसदीय क्षेत्र में डॉलफिन पाए जाने वाली जगह को पर्यटन के किसी भी दायरे में लाने के लिए वह लगातार कोशिश कर रहे हैं। मंत्रालय के अधिकारी हर बार नया नियम-कानून का हवाला देकर उन्हें घुमा देते हैं।

इस पर पर्यटन मंत्री ने इस संबंध में बिहार सरकार से डीपीआर नहीं मिलने की बात कही तो रूडी बुरी तरह भड़क गए। इस पर रूडी ने इससे संबंधित कागजात पटल पर रखने की इजाजत मांगते हुए कहा कि अगर मंत्री ऐसा कहते हैं तो यह विशेषाधिकार का मामला है। इस मामले में देर तक दोनों के बीच सवाल जवाब होते रहे। स्पीकर ने किसी तरह दोनों को शांत कराया।

हेमामालिनी ने भी दिखाए तेवर

इसी दौरान मथुरा की सांसद हेमामालिनी ने भी तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक सर्किट परियोजना पर खूब बातें हुई। रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट सहित कई अन्य सर्किट पर बहुत कुछ कहा गया। उनके संसदीय क्षेत्र मथुरा में कृष्णा सर्किट बनाने पर लगातार बातें हुई। हालांकि इसमें तेजी नहीं दिखी। मथुरा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना में दिखाने लायक कुछ नहीं हुआ है।

स्पीकर ने भी दिखाए तेवर

प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस सांसद केजी सुरेश पर एक सप्ताह तक सवाल पूछने पर प्रतिबंध लगा दिया। हुआ यूं कि प्रश्नकाल के दौर सुरेश पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे। जब स्पीकर ने उनका नाम पुकारा वह सदन में नहीं थे। इस पर नाराज स्पीकर ने कहा कि अब उन्हें एक हफ्ते तक सवाल पूछने का मौका नहीं मिलेगा।

प्रवेश ने सौगत को दिया खाना पचाने का मंत्र

प्रश्नकाल के दौरान ही भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा तृणमूल सांसद सौगत राय द्वारा की गई सरकार की आलोचना से नाराज हो गए। उन्होंने राय को हमेशा आलोचना करने के बदले सरकार के अच्छे कामों की तारीफ करने की नसीहत देते हुए कहा कि अच्छा बोलेंगे तो खाना भी पचेगा।