महाराष्ट्र इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के बयानों से प्रदेश की राजनीति गर्म है। एक तरफ उनकी टिप्पणियों से सरकार असहज है। वहीं कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही है। दरअसल, महाराष्ट्र कांग्रेस का झगड़ा अब बढ़ता जा रहा है। पार्टी नेताओं के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन के नेता भी इस विवाद में कूद गए हैं। कई वरिष्ठ नेताओं ने पटोले को हटाने की मांग तक कर दी है।
पटोले ने जब से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है, वह लगातार चर्चा में हैं। उनके बयानों से जहां पार्टी में झगड़ा बढ़ रहा है, वहीं महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में भी दरार पैदा हो रही है।
हिंदुस्तान के मुताबिक, महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम पटोले के बयानों से परेशान हो गए हैं। हमने पार्टी नेतृत्व से वक्त मांगा है। नेतृत्व से मुलाकात में स्पष्ट कर देंगे कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार चलानी है, तो पटोले को पद से हटाना होगा। क्योंकि, अपने बयानों के जरिए वह लगातार भाजपा को सरकार पर हमला बोलने का अवसर दे रहे हैं। हालांकि, कई नेता उनका समर्थन कर रहे हैं। उनकी दलील है कि पार्टी को अपनी जमीन बचाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि नाना पटोले को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले हुए 5 माह का समय हो गया है, पर अभी तक संगठन को मजबूत बनाने की कोई पहल नहीं की है। विदर्भ कांग्रेस का मजबूत गढ़ है। इस क्षेत्र में विधानसभा की साठ और लोकसभा की दस सीट हैं, पर पटोले ने पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए कोई पहल नहीं की है।
दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार की मुश्किल यह है कि उन्हें पटोले के बयानों पर प्रतिदिन सफाई देनी पड़ रही है। वहीं, नए विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। एनसीपी के एक नेता ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरुनी मामला है, पर सहयोगियों को विश्वास में लेकर निर्णय करना चाहिए था। बता दें कि पटोले ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार साफ कर चुके हैं कि नया विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस से होगा। मगर सबके बाद एनसीपी और शिवसेना इस बात को लेकर नाराज है कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिलाने से पहले गठबंधन के सहयोगियों से कोई चर्चा नहीं की।