सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, दांव लगाने वाले ऑनलाइन गेम बैन होंगे


सरकार ने कहा कि ऑनलाइन गेम की सेल्फ रेगुलेटरी संगठन (SRO) की तरफ से जांच की जाएगी। नियमों पर खरा उतरने पर ही ऑनलाइन गेम को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर चलाने की परमिशन दी जाएगी।
इसके साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट ने कहा कि मीडिया प्लेटफॉर्म भी सट्टेबाजी के विज्ञापन चलाने से बचें। एडवाइजरी नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि ऑनलाइन गेम की सेल्फ रेगुलेटरी संगठन (SRO) की तरफ से जांच की जाएगी। ऐसे ऑनलाइन गेम्स को ही मंजूरी दी जाएगी, जिनमें किसी प्रकार के दांव या बाजी लगाने का काम न हो रहा हो।
मीडिया में चल रहे सट्टेबाजी वाले विज्ञापन को लेकर सरकार ने कहा कि कानून के मुताबिक सट्टेबाजी और जुआ अवैध है। इसको बढ़ावा देने से बचें। सरकार का कहना है कि अगर कोई मीडिया प्लेटफॉर्म प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सट्टेबाजी का विज्ञापन करता है तो उसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी (डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है कि सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों के विज्ञापन एक गैरकानूनी गतिविधि है, जिसे डिजिटल मीडिया पर नहीं दिखाया जा सकता है।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय ने देखा है कि सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्मों का प्रमोशनल कंटेंट और विज्ञापन अभी भी कुछ न्यूज प्लेटफॉर्मों और ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन ऑफशोर सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों ने विज्ञापन करने के लिए एक सरोगेट प्रोडक्ट के रूप में न्यूज वेबसाइट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2022 में न्यूज वेबसाइट्स, OTT प्लेटफॉर्म और प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों को बेटिंग वेबसाइट्स या ऐप के विज्ञापन प्लेटफॉर्म पर न चलाने का निर्देश दिया था। वहीं, जून 2022 में केंद्र ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए भी गाइडलाइन जारी की थी।
विज्ञापन करने वाले फिल्म एक्टर्स की भी जवाबदेही तय करने की बात कही थी। सरोगेट विज्ञापनों पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। बिना सत्यता साबित किए विज्ञापन करना बैन कर दिया गया। इसका मकसद भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना है।
मिनिस्ट्री ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि कई न्यूज वेबसाइट तो बेटिंग प्लेटफॉर्म मालिकों द्वारा ही ऑपरेट की जा रही हैं। इन न्यूज वेबसाइट्स के लोगो कुछ हद तक बेटिंग प्लेटफॉर्म की तरह ही दिखते हैं। बेटिंग प्लेटफॉर्म इन न्यूज वेबसाइट को प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल कर अपना प्रचार कर रहे हैं।
चेकिंग करने पर पता चला कि इस तरह की बेटिंग और न्यूज वेबसाइट किसी भी लीगल अथॉरिटी में रजिस्टर्ड नहीं है। इससे साफ है कि बेटिंग प्लेटफॉर्म न्यूज वेबसाइट की आड़ में अवैध प्रचार कर रहे हैं।
सट्टेबाजी और जुआ भारत में अवैध हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत अगर कोई भ्रामक विज्ञापन दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा। सट्टेबाजी के विज्ञापन भी भ्रामक होते हैं। इसी वजह से सट्टेबाजी और जुआ के विज्ञापन किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाए जा सकते।