होली से पहले यूपी में 115 नई बसें शुरू हुई हैं। इनमें से 76 राजधानी बसें हैं। ये प्रदेश के 75 जिलों से लखनऊ के लिए चलेंगी। इसके अलावा 39 साधारण बसें हैं। सीएम योगी ने बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
राजधानी बसें हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें पैनिक बटन है। CCTV लगा है। बस में यात्रा के दौरान पीड़ित को 8 मिनट के अंदर पुलिस सहायता मिलेगी। रोडवेज की वेबसाइट से इनके टिकट की बुकिंग हो सकती है।
राजधानी बसों की टाइमिंग को इस तरह रखा जाएगा कि यह सुबह 9.30 बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी। वहीं, शाम को वापस अपने जिलों के लिए लखनऊ से रवाना होगी। ऐसे में अगर कोई लखनऊ में अपने किसी भी काम के लिए के लिए आते हैं, तो उसके पास एक दिन में ही काम करा कर वापस लौटने का मौका रहेगा।
सीएम योगी ने अपने आवास से बसों को हरी झंडी दिखाते हुए कहा, “यात्री मोबाइल पर खाना और नास्ते का ऑर्डर दे सकेंगे। इसके अलावा आने वाले दिनों में 1 लाख गांव को परिवहन सेवा से जोड़ने का काम किया जाएगा।”
सीएम ने परिवहन मंत्री दयाशंकर से कहा कि इसको लेकर आप प्लानिंग करे। इसमें छोटे गांव में 30 सीटर बसें चलेंगी। राजधानी बस का किराया साधारण बस की अपेक्षा 13 पैसे प्रति किलोमीटर ज्यादा होगा
सीएम योगी ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा दयाशंकर सिंह बलिया के लिए बस सेवा शुरू करना चाहते थे। अब बलिया के लिए सेवा शुरू होती तो बाकी जिलों से होकर गुजरना होता। ऐसे में पूरे प्रदेश की भलाई करते हुए 115 बसों की शुरुआत हुई है।
सीएम ने कहा, स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर एक एमओयू साइन किया जाए। इससे समय-समय पर ड्राइवर और कंडक्टर की मेडिकल जांच हो। इससे की वह सुरक्षित यात्रा करा सकें। कई ड्राइवर जिनको आंखों से कम दिखाई देता है। लेकिन अंदाज में बस चला रहे होंगे। अंदाज से परिवार तो चलाया जा सकता है, लेकिन बस नहीं।
सीएम योगी ने कहा, ”यह अमृत महोत्सव का पहला साल है। परिवाहन विभाग 50 साल की यात्रा पूरा कर रहा है। कुंभ में परिवहन का काम सराहनीय रहा। 24 करोड़ लोगों को यात्रा देने में विभाग ने बेहतर काम किया है। कोरोना काल में एक करोड़ से अधिक लोगों को घर पहुंचाने का काम परिवहन विभाग ने किया है। कोविड में परिवहन विभाग का बड़ा योगदान रहा।” प्रदेश में 11 हजार से ज्यादा बस सेवा चल रही है। जिसमें हर दिन 17 लाख लोग रोडवेज बस में सफर करते हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि बस में जीपीएस और पैनिक बटन लगा है। यात्रा के दौरान किसी महिला को कोई परेशानी होती है। तो बटन दबाने पर 8 मिनट में विभाग के अधिकारी या पुलिस पहुंच जाएगी।
मैनेजर IT युजवेंद्र कुमार ने बताया, ‘यूपी राही’ ऐप से यात्री डिजिटल टिकट बुक सकेंगे। हालांकि ऐप डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वह ऐप पर मौजूद सभी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। टिकट बुक करने के बाद यात्रियों को टिकट का प्रिंट आउट लेने की जरूरत नहीं होगी। वह ऐप पर ही टिकट बुकिंग का स्टेटस दिखाकर अपनी यात्रा कर सकते हैं।
ऐप के माध्यम से कोई यात्री अपने सफर से संबंधित कोई जानकारी देना चाहता है, तो एप में इसकी सुविधा है। अपने फीडबैक में कंडक्टर का व्यवहार, ड्राइवर सही से बस को ड्राइव कर रहा था या नहीं। ऐसे ही दस बिंदुओं पर यात्री अपने फीडबैक को दे सकते हैं। उनके सफर का अनुभव सीधे विभाग के अधिकारियों तक पहुंचेगा। उनके सुझावों से हमें अपनी सेवाओं में सुधार का भी अवसर मिलेगा।
युजवेंद्र कुमार ने बताया कि ऐप में यात्रियों के लिए हेल्पफुल फीचर्स दिए गए हैं। इसमें यात्री अपने पुराने सफर को ट्रैक कर सकेंगे। इसमें उनके सभी पुराने ट्रांजेक्शंस को संभाल कर रखा जाएगा। इसके अलावा यात्रियों को टिकट बुक करते समय बस चुनने का मौका मिलेगा। यदि यात्री वॉल्वो बस से सफर करना चाहते हैं तो उनके रूट पर कोई वॉल्वो बस संचालित हो रही है या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें ऐप पर मिल जाएगी। इसी तरह उनके रूट पर नॉन-स्टाप बस है तो वह भी दिखाई देगा।
ऐप को का उपयोग करने करने के लिए पहले गूगल प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड करना होगा। फिर इस पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें आपको अपनी आइडेंटिटी के लिए कोई सरकारी डॉक्यूमेंट नंबर (आधार कार्ड या पैन कार्ड) की जानकारी देनी होगी। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपका आईडी और पासवर्ड जेनरेट हो जाएगा और अब आप ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे।
होम पेज पर आपको कहां से कहां की यात्रा करनी है, इसकी विंडो ओपन रहेगी। यहां से आप डायरेक्टर टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस ऐप पर अपना प्रोफाइल भी बना सकते हैं। कैंसिलेशन पॉलिसी के बारे में भी इसमें विस्तार से जानकारी दी गई है। किसी तरह की हेल्प के लिए आप सपोर्ट फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। पासवर्ड बदलने की भी सुविधा दी गई है।