(गोंडा जनपद के कटराबाजार क्षेत्र अन्तर्गत परसा गोंडरी में तमाम किसानों की भूमि अवैध रुप से अधिग्रहण कर जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं प्रभावित किसान,जिम्मेदार मौन ) —————————————- *गोंडा।* देश में एक तरफ जहां मोदी और योगी सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने और उनके हितैषी होने के दावे किए जा रहे हैं वहीं उसके विपरीत धरातल पर असली तस्वीर सरकार के दावों की हकीकत बयां कर रही है।जिसका जीता जागता उदाहरण जनपद गोंडा के क्षेत्र कटराबाजार अन्तर्गत ग्राम परसा गोंडरी में देखा जा सकता है।जहां बीते एक वर्ष से अनेकों किसान पुरुष एवं महिला अन्नदाता जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए सर्दी,गर्मी बरसात की परवाह ना करके लगातार धरने पर डटे हैं। लेकिन इन पीड़ित किसानों धरती के भगवान कहे जाने वाले अन्नदाताओं की शासन-प्रशासन द्वारा कोई सुधि नहीं ली जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला कटरा बाजार के ग्राम परसा गोंडरी के शिवशंकर पुरवा का है,यहां काफी संख्या में किसान बीते एक वर्ष से जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं परन्तु उनकी फरियाद को कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी व सिंचाई विभाग की सांठगांठ, हठधर्मिता का खामियाजा प्रभावित किसानों को भुगतना पड़ रहा है। विदित हो कि बीते दिनों केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले कृषि बिल का विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा था जिसके चलते मोदी सरकार को अपने कदम पीछे हटाते हुए तीनों कृषि बिलों को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं किसानों और केन्द्र सरकार के मध्य तो समझौता हो गया, परन्तु यहां किसानों और सिंचाई विभाग,जिम्मेदार अधिकारियों के मध्य विश्वसनीयता एवं पारदर्शिता ना होने के वजह से नहर खुदाई के लिए किसानों की भूमि को अवैध,मनमाने तरीके से अधिग्रहण किया गया, जिससे प्रभावित एवं पीड़ित किसानों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिले व उच्चस्तरीय आला अधिकारियों से की गई। परन्तु एक वर्ष बीतने के बाद भी उक्त प्रकरण में अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई और जानबूझकर किसानों की अनदेखी करके जिम्मेदार शासन-प्रशासन द्वारा धरना दे रहे किसानों की फरियाद को सुनकर कोई सार्थक नतीजा किसानों के हित में नहीं निकाला जा सका। वहीं किसानों का कहना है कि वह बीते एक वर्ष से जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं परन्तु उनकी कोई सुनने वाला नहीं है जिससे जाड़े के मौसम में बर्फीली ठण्ड में रात गुजारने के साथ ही काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उक्त अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में ग्राम प्रधान परसा गोंडरी वेदप्रकाश ओझा, राधेश्याम, बृजेश शुक्ल, कमलेश शुक्ल,आकाश शुक्ल,दिनेश, शुक्ल, सुषमा, शकुन्तला, शिवकुमारी, रिंकी, सुशीला सहित काफी संख्या में पुरुष एवं महिला किसान धरने पर डटे हैं।