गोण्डा: वायरल वीडियो के मामले में नही हुई घूसखोर लेखपाल व सहयोगी पर कार्रवाई।

कर्नलगंज/कटरा बाजार गोण्डा। तहसील क्षेत्र कर्नलगंज अन्तर्गत नगर पंचायत कटरा बाजार में बीते दिनों हल्का लेखपाल और उसके सहयोगी द्वारा ग्रामीणों से बेखौफ होकर की जा रही घूसखोरी कैमरे में कैद होने के बाद उसका वीडियो वायरल होने के बाद अभी तक जिम्मेदार आला अधिकारियों द्वारा संज्ञान में लेकर कार्रवाई ना करने से तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालिया घेरे मे है। मामला तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के नगरपंचायत कटरा बाजार का है,जहां लेखपाल और उसके सहयोगी सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक द्वारा ग्रामीणों से बेखौफ होकर भूमि की पैमाईश करने हेतु प्रति किसान के हिसाब से घूस के रेट का मोलभाव कर हल्का लेखपाल द्वारा अपने सहयोगी के माध्यम से अवैध वसूली की धनराशि जेब में रखते हुए सीन कैमरे में कैद होने के बाद विगत दिनों वीडियो वायरल हुआ था जिससे लोगों में चर्चा का विषय बनने के साथ ही संबंधित राजस्व कर्मियों में हड़कंप मच गया था। वहीं स्थानीय अधिकारियों द्वारा वीडियो को संज्ञान में लेकर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है जिससे आरोपी लेखपाल व उसके सहयोगी शनिवार को थाना समाधान दिवस कटराबाजार में भी मौजूद दिखाई पड़े। उक्त प्रकरण में विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बेखौफ आरोपी लेखपाल व उसके सहयोगी द्वारा मामले का पटाक्षेप करने में लेखपाल व कानूनगो जुटे हुए हैं जिनके द्वारा ग्रामीणों को येन-केन प्रकारेण अपने पक्ष में करने का प्रयास जारी है जो शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली को सवालिया घेरे में खड़ा कर रहा है। बताते चलें कि तहसील क्षेत्र कर्नलगंज में शासन-प्रशासन की निरंकुश कार्यप्रणाली के चलते आमजनता से विभिन्न कार्यों के बदले जमकर खुलेआम अवैध वसूली का खेल लगातार जारी है जिस पर कोई अंकुश नहीं लग रहा है। यही नहीं अवैध वसूली का खेल यहां काफी समय से चल रहा है जिसकी कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत भी की गई है लेकिन प्रशासन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। लेकिन देखना यह है कि प्रशासन द्वारा इस मामले में कब तक कार्रवाई की जाती है। लोगों की मानें तो यह अवैध वसूली का काम खुलेआम प्रशासन के नाक के तले अनवरत हो रहा है जिसमें कोई सख्त कार्रवाई ना होने से स्थानीय एवं जिले स्तर के अधिकारियों पर भी आरोप लग रहे हैं। यही नहीं वसूली करने वालों को जिले के काफी सख्त तेजतर्रार कहे जाने वाले डीएम मार्कण्डेय शाही और आलाअधिकारियों का भी कोई खौफ नहीं है।जबकि इसी तहसील क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें अभी तक कोई ठोस दण्डात्मक कार्रवाई ना होने से भ्रष्टाचारियों, रिश्वतखोरों के हौंसले बुलंद हैं जो सरकार के दावों की पोल खोलते हुए उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं।ऐसे में गंभीर यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर इस पर अंकुश कब लगेगा और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का सपना अब साकार होगा?