कर्नलगंज/परसपुर गोंडा। एक ओर जहां केंद्र एवं उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार आये दिन किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही उनके हितों की बात करते हुए नहीं थक रही है वहीं दूसरी तरफ निरंकुश अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी बेखौफ होकर सरकार के दावों की हवा निकाल कर उसकी पोल खोल रहे हैं।जिसका जीता जागता उदाहरण क्षेत्र कर्नलगंज व परसपुर में देखा जा सकता है जहां खाद (डीएपी) डंप होने के बावजूद बुआई के समय किसानों को खाद नहीं मिल रही और खाद के लिए किसान परेशान होकर दर भटकने को विवश है जिससे जिम्मेदार लोग अंजान बने हुए हैं। मामला तहसील क्षेत्र के कर्नलगंज व विकास खण्ड परसपुर के इफको केंद्र सहित अन्य सरकारी/निजी खाद विक्रय केंद्रों, दुकानों से जुड़ा है,जहां से प्रायः अनेकों किसानों को बिना खाद लिए घर वापस लौटना पड़ रहा है तथा खाद के लिए किसान परेशान होकर दर भटकने को मजबूर है। ऐसे में आखिर बिना खाद के किसान खेतों की बुआई कैसे करे उसे समझ में नहीं आ रहा है जबकि जिम्मेदार लोग भी इससे अनजान बने हैं। जिले स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है फिर भी खाद की किल्लत कहीं न कहीं कालाबाजारी की ओर इशारा कर रही है। विदित हो कि सरकार के तमाम आदेश के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी खामोश हैं जिन पर कोई असर नहीं है जिससे सरकारी फरमान मात्र कागजों तक सीमित है और जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों के सामने बौना साबित हो रहा है। वहीं क्षेत्र व जिले में तमाम जनप्रतिनिधि के होने के बावजूद भी किसान दर- दर खाद के लिए भटक रहा है जो बेहद शर्मनाक एवं सरकार के दावों की कलई खोलने के लिए काफी है। यही नहीं चुनाव की स्थिति में भी अगर किसान दर-दर खाद के लिए भटकता रहा और समय रहते किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में भी मौजूदा सरकार को नुक़सान उठाना पड़ सकता है।