कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 के हटाए जाने की पहली वर्षगांठ पर बुधवार देर शाम, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू(Girish Chandra Murmu) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुर्मू के इस्तीफे की खबर से प्रशासन खेमे से लेकर सियासी पार्टियों में ह़़डकंप मंच गया। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन होने के बाद बीते साल 31 अक्टूबर को ही मुर्मू ने उपराज्यपाल का पद संभाला था।
मुर्मू के इस्तीफे के बाद प्रशासन से लेकर सियासी हलकों में खलबली मच गई। मुर्मू ने देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा भी सौंप दिया थावहीं, मुर्मू के इस्तीफे का कारणों का पता नहीं चला, लेकिन अफवाहें हैं कि कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के कामकाज से वह खफा थे। सूत्रों के अनुसार, मुर्मू की केंद्र में किसी बड़े ओहदे पर नियुक्ति हो सकती है।
मुर्मू के करीबियों की मानें तो वह बीते कुछ दिनों से लगातार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे थे। नागरिक सचिवालय और स्थानीय हलकों में जारी चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन में कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। इस मसले पर उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से भी चर्चा की थी। जीसी मुर्मू के इस्तीफे की चर्चा कई दिनों से चल रही थी।