29 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा जिसके बहिष्कार के लिए विपक्ष की 16 पार्टियों ने अपनी मंशा जाहिर की है। इस क्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा, ‘हम 16 राजनीतिक पार्टियों से बयान जारी कर रहे हैं कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।’ बता दें कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है।
किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने वाली पार्टियां कांग्रेस (Congress), NCP, शिवसेना (Shiv Sena), AITC, DMK, JKNC, SP, RJD, CPI(M), CPI, IUML, RSP, PDP, MDMK, केरल कांग्रेस (Kerala Congress) और AIUDF है।बजट सत्र के पहले दिन, 29 जनवरी शुक्रवार को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने वाले हैं। आम बजट 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश करेंगी।
बजट सत्र की शुरुआत से पहले ही सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की तैयारी दिख रही है। एक ओर किसान कई महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर संसद के भीतर विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि विपक्ष की 16 पार्टियां 29 जनवरी को होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। आजाद ने कहा कि हम 16 दलों की ओर से बयान जारी करने जा रहे हैं कि कल होने वाले राष्ट्रपति के भाषण का हम बहिष्कार करेंगे, इसका मुख्य वजह कृषि कानूनों को बगैर विपक्ष का मत लिए पारित किया जाना है।
इससे पहले केरल में आयोजित एक इवेंट के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि अधिकतर किसान कृषि कानूनों के विधेयक को विस्तार से समझे नहीं क्योंकि यदि समझते तो देश भर में आंदोलन शुरू हो जाता।’ बता दें कि राहुल गांधी पहले से ही केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ