नमक के पानी से गरारे गले में सहायक है. गले की खुजली मिटाने के अलावा नमक के पानी से गरारे करने पर फेफड़ों में बलगम भी कम हो सकता है| एक कप गर्म पानी में एक चौथाई नमक मिलाने के बाद इससे दिन में कई बार गरारे करने चाहिए| गले में होने वाले टोंसिल में भी इससे फायदा होता है|
अदरक:
अदरक से खांसी की समस्या खत्म हो सकती है| सर्दियों में कालीमिर्च और अदरक की चाय पीने से खांसी में राहत मिलती है| शहद के साथ भी अदरक की चाय पी जा सकती है| ज्यादा अदरक की चाय से पेट खराब हो सकता है इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए|
पिपरमेंट:
पिपरमेंट का मेंथोल कम्पाउंड खांसी को परेशान कर सकता है| गले की जलन और दर्द से राहत प्रदान करने में भी पिपरमेंट सहायक है| दिन में दो से तीन बार पिपरमेंट की चाय पीने से गले में खांसी की समस्या में आराम मिलता है| अरोमाथेरेपी के रूप में आप पिपरमेंट तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं| सर्दियों में पिपरमेंट का इस्तेमाल लाभदायक है|
नीलगिरी का तेल:
नीलगिरी के तेल से सांस लेने की नली की सफाई होती है| नारियल तेल या जैतून के तेल में नीलगिरी की बूंदें मिलकर छाती पर मालिश करें| इसके अलावा गर्म पानी की कटोरी में नीलगिरी के तेल की बूंदें मिलकर भाप भी ली जा सकती है| नीलगिरी से छाती हल्की होकर सांस लेने में आसानी होती है|