प्राधिकरण और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने परियोजना के लिए साइट सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है। जिससे पता लगाया गया है कि शहर में किन-किन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पिछले महीने प्राधिकरण ने दिल्ली के आई आई टी संस्थान के विशेषज्ञों को परियोजना के लिए एक अनुमान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ डीपीआर तैयार कर रहे हैं। अगले करीब एक महीने में डीपीआर दे देंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक सलिल यादव ने कहा, “सर्वेक्षण का काम पहले ही पूरा हो चुका है, अब आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ जल्द से जल्द डीपीआर जमा करेंगे। हमने दिसंबर के अंत में निविदा जारी करने और बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए परियोजना शुरू करने वाली फर्म को किराए पर लेने का लक्ष्य रखा है। आईआईटी दिल्ली ने कम से कम लगभग 300 ट्रैफिक जंक्शनों की पहचान की है, जिन पर हाई-डेफिनिशन कैमरों की मदद से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए नजर रखी जाएगी। प्रमुख संस्थान के विशेषज्ञ इस महीने के अंत तक बजट को अंतिम रूप देंगे।” डीजीएम ने आगे बताया, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ‘सेफ सिटी’ परियोजना को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल करेगा।
योगी आदित्यनाथ के आदेश से आईटीएमएस पर काम शुरू हुआ
अधिकारियों ने कहा कि ‘सेफ सिटी’ परियोजना के तहत यह सिस्टम ना केवल यातायात की स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी बल्कि पुलिस को अपराधों को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा। एकीकृत सुरक्षा और यातायात प्रबंधन प्रणाली के तहत नोएडा प्राधिकरण ने साल 2021 में 64 करोड़ रुपये खर्च किए। नोएडा शहर में सभी महत्वपूर्ण जंक्शनों को ई-निगरानी के तहत लाया गया है। मुख्यमंत्री ने 9 सितंबर को अपनी यात्रा के दौरान एकीकृत सुरक्षा और यातायात प्रबंधन प्रणाली का निरीक्षण किया था। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों को इन दोनों जुड़वां शहरों में कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए प्रणाली का उपयोग करने का निर्देश दिया था। इसके बाद दोनों प्राधिकरणों ने दो अलग-अलग परियोजनाओं पर साथ-साथ काम शुरू किया था।
इस प्रोजेक्ट से जुड़े ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के एक अफसर ने कहा, “एकीकृत सुरक्षा और यातायात प्रबंधन प्रणाली शहर में यातायात की निगरानी करेगी। प्रबंधन और सुधार करने में मदद करेगी। ‘सेफ सिटी’ प्रोजेक्ट पुलिस को प्रौद्योगिकी की मदद से अपराध नियंत्रण करने में सहायता करेगा। अब दो परियोजनाओं के एकीकरण से दोनों शहरों में न केवल यातायात प्रबंधन में बल्कि अपराध को कम करने में भी मदद मिलेगी। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा के निवासियों ने मांग की है कि अपराध की घटनाओं में वृद्धि को रोकने के लिए शहर को ई-निगरानी के तहत रखा जाना चाहिए। गौतमबुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडेय ने कहा, “अकेले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख क्षेत्र में एक अगस्त से 19 नवंबर तक चोरी और लूट की 94 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इसलिए हमने मांग की है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सार्वजनिक स्थानों सहित सभी सड़कों, वाणिज्यिक क्षेत्रों और आवासीय क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। इन सारे इलाकों को सेफ सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया जाए। अपराधों को रोकने के लिए ई-निगरानी बेहद जरूरी है।”