गौतमबुद्ध नगर : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने बृहस्पतिवार को नियोजन विभाग की समीक्षा की, जिसमें ऑनलाइन मैप स्वीकृति के आवेदनों पर एक से अधिक बार आपत्ति लगाई जा रही है। सीईओ ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि ऑनलाइन मैप स्वीकृति पर बेवहज आपत्ति न लगाई जाए। आवंटी को ऑफिस न बुलाया जाए। अगर कोई कमी है तो आवंटी को एक बार में सभी आपत्तियों से अवगत करा दें। बार-बार आपत्ति लगाकर उसे परेशान न किया जाए। अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीईओ ने चार नए औद्योगिक सेक्टरों के लिए जमीन अधिग्रहण की धीमी गति पर नाराजगी जताई। सीईओ ने एसीईओ से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। नए औद्योगिक सेक्टरों के लिए जमीन का अधिग्रहण शीघ्र करने के निर्देश दिए। सीईओ ने किसानों को उनके आबादी का भूखंड जमीन उपलब्धता के आधार पर जहां तक संभव हो, उनके आसपास ही दिए जाने के निर्देश दिए। परियोजना विभाग से किसानों के आबादी भूखंडों के लंबित लीज प्लान शीघ्र बनाकर देने को कहा है। इस बैठक में एसीईओ अमनदीप डुली व जीएम प्लानिंग सुधीर कुमार समेत नियोजन विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर इसके लिए पॉलिसी बनाई जा रही है। पहले फेज में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, प्राधिकरण के सामने वाली 105 मीटर रोड व ग्रेटर नोएडा को ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जोड़ने वाली 130 मीटर रोड के दोनों तरफ ऊंची इमारतों पर फसाड लाइटें लगाने पर विचार-विमर्श किया गया, ताकि इन रास्तों से गुजरने वालों को हर दिवाली जैसा फील हो सके। इससे शहर की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी। हर 500 मीटर की दूरी पर ये लाइटें लगाई जा सकती हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ शिक्षण संस्थानों, ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, कार्पोरेट ऑफिसों आदि द्वारा इन बिल्डिंग्स पर स्वयं ये लाइटें लगवाई जाएंगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने समीक्षा बैठक के दौरान इस पॉलिसी पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए।