गौतमबुद्ध नगर : पूरा दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर बना हुआ है। गौतमबुद्ध नगर का भी बुरा हाल है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने बुधवार को पॉल्यूशन पर काबू पाने के लिए हाईलेवल मीटिंग की है। जिसमें 15 पाबंदियां लगाई गई हैं। रितु महेश्वरी के पास गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी का भी प्रभार है। बैठक में जिला प्रशासन, सारे विकास प्राधिकरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग और वन विभाग के अफसर शामिल हुए।
सारे हॉट मिक्स प्लांट और आरएमसी प्लांट बन्द
रितु महेश्वरी ने जिलेभर में सारे आरएमसी प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर बन्द रखने का आदेश दिया है। बताया गया कि ऐसे सारे संयंत्र बन्द हैं। सीईओ ने कहा कि लगातार निगरानी करें। कोई प्लांट शुरू नहीं होने चाहिए। नोएडा में 90 स्प्रिंकलर टैंकर और 40 एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं। इसी तरह ग्रेटर नोएडा में 20 स्प्रिंकलर और 12 एंटी स्मॉग गन काम कर रही हैं। सीईओ ने आदेश दिया है कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स से पानी लिया जाए। अतिरिक्त टैंकर लगाकर एसटीपी का पानी छिड़काव में उपयोग किया जाए। शहर की सड़कों पर जिन घण्टों के दौरान ट्रैफिक ज्यादा रहता है, उस दौरान पानी का ज्यादा छिड़काव करें। सड़कों के किनारे पेड़ों और पौधों की नियमित धुलाई की जाए।
मैकेनिकल स्वीपिंग में धूल नहीं उड़नी चाहिए
रितु महेश्वरी ने अधिकारियों से कहा, “एक तरफ पॉल्यूशन चरम है, दूसरी तरफ सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग के दौरान मशीनें धूल उड़ाती हैं। ऐसी शिकायत मिल रही हैं। इससे प्रदूषण और ज्यादा बढ़ता है। मशीनों से स्वीपिंग के दौरान पानी का उपयोग किया जाए। किसी भी सूरत में धूल नहीं उड़नी चाहिए। अगर इसके बावजूद भी धूल उड़े तो मैकेनिकल स्वीपिंग बन्द करवा दी जाए। जिन निर्माण स्थलों का क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से अधिक है, उन्हें डस्ट ऐप पर जरूर रजिस्टर्ड किया जाए। अगर ऐसे निर्माण स्थल रजिस्टर्ड नहीं हैं तो साइट पर तत्काल काम बंद करवा दिया जाए।
बिल्डर साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाई जाएं
सीईओ ने दोनों विकास प्राधिकरण के अफसरों को आदेश दिया है कि सभी निर्माण साइटों पर सामग्री को ढककर रखा जाए। निर्माण सामग्री किसी सूरत में उड़नी नहीं चाहिए। निर्माणाधीन इमारत पर ग्रीन कपड़ा लगाकर रखा जाए। सभी साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाकर धूल को दबाया जाए। जो साइट 5000 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाली हैं, उन पर एक एंटी स्मॉग गन जरूर लगाई जाए। 5000 से 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले प्रोजेक्ट में 2 स्मॉग गन, 10 से 15 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले प्रोजेक्ट में 3 स्मॉग गन, 15 से 20 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले प्रोजेक्ट में 4 एंटी स्मॉग गन जरूर लगाई जाएं। इनका नियमित रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। अगर कहीं प्रदूषण होता पाया गया तो साइट को बंद कर दिया जाए।
खुले में आग नहीं लगाई जाएगी, होटलों में तंदूर बंद रहेंगे
रितु महेश्वरी ने अधिकारियों को आदेश दिया, “इस वक्त प्रदूषण के कारण हालात बहुत खराब हैं। प्रदूषण को काबू करने के लिए ग्रेप सिस्टम लागू किया गया है। ग्रेप का अनुपालन नहीं करने वाले वाहनों, उद्योगों और संस्थानों को बंद कर दिया जाए। उल्लंघन करने वालों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाए। शहर के किसी भी हिस्से में कूड़ा, कचरा, कागज, गत्ता, घास और पत्ते नहीं जलाए जाएंगे। होटल और रेस्टोरेंट्स में तंदूर का उपयोग नहीं किया जाएगा। अगर कहीं खुले में इस तरह की चीजें जलती हुई पाई गईं तो जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाए। तंदूर जलाने वाले होटल और रेस्टोरेंट पर भारी जुर्माना लगाया जाए। सड़कों के किनारे और शहर में खाली पड़े भूखंडों पर पड़े मलबे को तत्काल हटाया जाए। निर्माण कार्यों से निकलने वाले मलबे को उठाकर सी एंड डी वेस्ट प्लांट में रिसाइकल करने के लिए भेजा जाए।”
पूरे जिले में कहीं खनन को मंजूरी नहीं मिलेगी
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने बताया कि इस वक्त जिले में कहीं भी खनन का कार्य नहीं चल रहा है। किसी भी माइनिंग साइट को मंजूरी नहीं दी गई है। इस पर रितु महेश्वरी ने कहा कि कहीं भी किसी भी तरह का खनन नहीं किया जाना चाहिए। तत्काल सभी तरह के खनन को बंद कर दिया जाए। अगर कोई अवैध रूप से खनन करता मिले तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। खनन में इस्तेमाल हो रहे वाहनों को सीज कर दिया जाए। भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाए। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
अग्निशमन विभाग ने धुलाई के लिए 5 फायर टेंडर दिए
नोएडा में प्रदूषण को काबू करने के लिए अग्निशमन विभाग 5 फायर टेंडर उपलब्ध करवाएगा। इन फायर टेंडर के जरिए शहर में सड़कों के किनारे लगे पेड़ों को धोया जाएगा। रितु महेश्वरी ने दोनों प्राधिकरण के अफसरों को आदेश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र के अग्निशमन अधिकारियों के साथ समन्वय करके धुलाई का काम तत्काल शुरू करवाया जाए। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में केवल सीएनजी फ्यूल के आधार पर उद्योगों का संचालन किया जा सकता है। डीजल इंजन और जनरेटर का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है। पूरे जिले में कोई भी औद्योगिक इकाई अवैधानिक ईंधन से संचालित नहीं की जा रही है। रितु महेश्वरी ने आदेश दिया है कि डीजल जनरेटर का उपयोग केवल आकस्मिक सेवाओं के लिए किया जाएगा। हाउसिंग सोसाइटीज में लिफ्ट चलाने के लिए, अस्पतालों में लिफ्ट चलाने के लिए, मेट्रो स्टेशन और रेलवे स्टेशन में आवश्यक सेवाओं को संचालित करने के लिए किया जाएगा। अगर अवैधानिक रूप से कोई डीजल जनरेटर का उपयोग करता मिले तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
आईटीएमएस के जरिए पोलूशन पर रीयलटाइम निगरानी होगी
शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए एयर क्वालिटी इंडेक्स का पता लगाने के लिए 20 सेंसर लगाए गए हैं। रितु माहेश्वरी ने जिम्मेदार अफसर को आदेश दिया है कि नियमित रूप से एयर क्वालिटी इंडेक्स से जुड़ी रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाए। जब तक प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं हो जाता नियमित रूप से प्रदूषण के स्तर की निगरानी की जानी चाहिए। रितु माहेश्वरी ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है कि सभी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से आउटडोर एक्टिविटीज को बंद कर दिया जाए। छोटे बच्चों को स्कूलों में खुले स्थानों पर जाने से रोका जाए। खेलकूद से जुड़ी गतिविधियां भी प्रदूषण खत्म होने तक प्रतिबंधित रहेंगी।