ऐसी बातों के लिए भारत ही ज्यादा बदनाम है, लेकिन ब्रिटेन (Britain) के कॉर्नवाल में जी-7 (G-7 Group) समूह की बैठक के दौरान पेश आई इस घटना ने जता दिया है कि तकनीकी खामी कभी भी कहीं भी आ सकती है. मामला कुछ यूं है कि समूह के सदस्य राष्ट्र के नेताओं की बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही थी कि अचानक इंटरनेट बंद हो गया. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की बढ़ती ताकत शिन्जियांग प्रांत में जबरन मजदूरी कराए जाने के मसले पर रणनीति की बात हो रही थी. इसी दौरान एक समय अचानक कमरे में इंटरनेट बंद हो गया. जी-7 के पहले सत्र के दौरान कनाडा, ब्रिटेन फ्रांस ने बाइडन का कई मुद्दों पर व्यापक पैमाने पर समर्थन किया तो वहीं जर्मनी, इटली यूरोपीय यूनियन की कुछ मुद्दों पर हिचकिचाहट नजर आई.
चीन विरोधी छवि को लेकर भी सतर्क रहे कुछ देश
समिट में इस मुद्दे पर काफी दिलचस्प चर्चा हुई चर्चा के दौरान अलग-अलग मत भी सामने आए. जी-7 के नेताओं ने चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोग्राम को काउंटर करने के लिए एक आधारभूत संरचना बनाने पर विचार किया. हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि बीजिंग में मानवाधिकार के उल्लंघन को आरोपों को लेकर कब चीन के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाया जाएगा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तेजर्रार मुद्रा में नजर आए. हालांकि कुछ अन्य नेता इस बात को लेकर भी काफी सतर्क थे कि उनकी छवि चीन विरोधी की ना बने.
जी-7 के सदस्य देशों ने चीन से संबंधित मुद्दों पर एक टास्क फोर्स बनाने पर भी चर्चा की. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इस योजना का स्वागत किया. हालांकि इस दौरान उन्होंने खुद को एंटी-चीन ना जाहिर होने देने कोशिश भी की. चांसलर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘यह किसी चीज के खिलाफ होने के लिए नहीं, बल्कि किसी चीज के लिए खिलाफ होने की बात है.’ जी-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लेते हुए अपने संबोधन में ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का मंत्र दिया है. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विशेष रूप से पीएम के इस मंत्र का उल्लेख किया इसका मजबूत समर्थन दिया. इस बैठक में पीएम मोदी ने वर्चुअली हिस्सा लिया था. इसका दूसरा सत्र रविवार को होना है.