”पीएम मोदी वाराणसी आए हैं, न कि क्योटो। क्योटो को तो यूपी सरकार ने बनने ही नहीं दिया। घोसी की जीत ने राजनीति में एक नया संदेश दिया है। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव के परिणाम नए होंगे। मुस्लिम भाइयों को खूब डराया गया। लेकिन अधिकारियों की एक न चली और उन्होंने जमकर वोट भी दिया।”
यह बात सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को पीएम मोदी के काशी दौरे पर तंज कसते हुए कही। दरअसल, घोसी विधानसभा में जीत के बाद सपा ने समीक्षा बैठक की। बैठक में घोसी विधानसभा जीतकर विधायक बने सुधाकर सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान अखिलेश ने चाचा शिवपाल के साथ चुनावी मॉडल पर चर्चा की। साथ ही घोसी मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने पर भी विचार किया।
अखिलेश यादव ने कहा, ”घोसी विधानसभा में मुख्यमंत्री और सरकार की हार हुई है। उनके विकास के दावों की हार हुई है। उनकी ओर से उत्तर प्रदेश में किए जा रहे विकास के दावे पर घोसी विधानसभा में चुनावी हार ने सच्चाई बयान की है। जी-20 वाले भी जान गए हैं कि घोसी कहां है, जी फॉर घोसी है।”
उन्होंने कहा, ”घोसी में क्या नहीं हुआ? अधिकारियों ने मतदाताओं पर खूब दबाव बनाया। यही नहीं, हम उनको भी धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने निष्पक्ष होकर घोसी विधानसभा को लेकर सूचनाएं दीं।
अखिलेश यादव ने महिला आरक्षण बिल पारित होने पर भी बात की। उन्होंने कहा, ”रिजर्वेशन के साथ बिल लाया जाए, यह मांग नेताजी की थी। शुरू से हम सभी लोग रिजर्वेशन बिल के साथ महिला आरक्षण बिल भी ले जाने की मांग कर रहे हैं। I.N.D.I.A. के सभी दलों की सीटों के बंटवारे पर फैसला होगा। हम खुद कांग्रेस को सीट दे रहे हैं, ना कि मांग रहे हैं।
दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा, कुछ लोगों का चेहरा देखकर ही नहीं, उनकी भाषा और बोली देखकर भी पहचाना जा सकता है। हमारी मांग है कि ऐसे लोगों को संसद सदस्यता से आजीवन बैन कर देना चाहिए।
इस दौरान शिवपाल यादव ने भी सरकार और प्रशासन पर जमकर का हमला बोला। उन्होंने कहा, ”यूपी सरकार ने पूरे तरीके से दबाव बनाया। प्रशासन लगातार वोटर्स को धमका रहा था। वह घर से न निकलें, इसको लेकर लगातार पुलिस टीम प्रशासन के साथ घर-घर जा रही थी। लेकिन घोसी विधानसभा के मतदाताओं ने घर से निकलकर वोट करके जिस तरीके से सरकार के मुंह पर तमाचा मारा है, वह आने वाले चुनाव में भी देखने को मिलेगा। वहीं सुधाकर सिंह ने कहा, इस जीत के पीछे नायक जनता है। इसके साथ ही अखिलेश यादव और शिवपाल यादव भी हैं।