विपक्षी नेता डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर दुनिया के सबसे रईस शख्स इलॉन मस्क तक अवैध प्रवासी मुद्दे को लेकर बाइडेन सरकार पर काफी हमलावर रहे हैं

अमेरिका में इसी साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इस बीच देश में शरणार्थी संकट एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। विपक्षी नेता डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर दुनिया के सबसे रईस शख्स इलॉन मस्क तक अवैध प्रवासी मुद्दे को लेकर बाइडेन सरकार पर काफी हमलावर रहे हैं। जनता में भी अवैध शरणार्थी के मुद्दे को लेकर काफी नाराजगी है।
इस बीच राष्ट्रपति बाइडेन ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अवैध प्रवासी संकट से जुड़े एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है। इससे बिना इजाजत के अमेरिका जाने वाले अवैध प्रवासियों के लिए शरण लेना आसान नहीं रह जाएगा।
इस आदेश में यह प्रावधान है कि यदि दक्षिणी सीमा पार कर अवैध रूप से देश में आने वाले शरणार्थियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो उनके आवेदन तत्काल खारिज किए जा सकते हैं।
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को अवैध प्रवासियों से जुड़े नए प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका अपनी सीमाओं को “सुरक्षित” रखने के लिए ये कदम उठा रहा है। हालांकि व्हाइट हाउस ने इसमें ये भी कहा है कि ये कार्रवाई तभी प्रभावी होगी जब अवैध रूप से दक्षिणी सीमा पार कर अमेरिका पहुंचे वाले लोगों की औसत संख्या 2500 को पार कर जाएगी।
ये नए नियम बुधवार सुबह से लागू हो गए हैं। ये नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक कि औसत संख्या घटकर 1,500 से कम न हो जाए। नए नियम के तहत, लगातार 7 दिन तक अवैध शरणार्थिकों की संख्या यदि 1,500 से कम रही तो उसके दो सप्ताह बाद शरणार्थियों के लिए सीमा फिर से खुल जाएगी।
प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर बाद में भी ये संख्या फिर से बढ़ती है तो प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। हालांकि इस प्रस्ताव में नाबालिग बच्चों और मानव तस्करी के शिकार लोगों को अपवाद में रखा गया है। CBS न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है वर्तमान में अवैध रूप से सीमा पार कर अमेरिका में प्रवेश लेने वाले लोगों की संख्या औसतन 3,700 है।
दरअसल, जो बाइडेन और उनकी पार्टी की शरणार्थी मुद्दे पर ढुलमुल रवैया अपनाने के कारण काफी आलोचना होती रही है। कई जानकारों का मानना है कि अगर बाइडेन सरकार शरणार्थी मुद्दे पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती तो उन्हें दूसरी बार जीत हासिल करने में काफी दिक्कतें हो सकती हैं। चुनाव से पहले हुए ज्यादातर सर्वे में डोनाल्ड ट्रम्प, जो बाइडेन पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। बाइडेन के पिछड़ने की एक बड़ी वजह शरणार्थी संकट भी है।
आलोचकों ने कहा- नए कानून से बढ़ेगी मुश्किलें
आलोचकों का मानना है कि बाइडेन सरकार के इस नए प्रस्ताव में नाबालिग शरणार्थियों को अपवाद में रखे जाने से इनकी संख्या में भारी वृद्धि हो जाएगी। हालांकि राष्ट्रपति बाइडेन ने इस नए प्रस्ताव को मानवीय विचारों से प्रेरित बताया है। उन्होंने इस आदेश की घोषणा करते हुए कहा कि ये डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच कई सप्ताह की बातचीत का परिणाम है।
कुछ रिपब्लिन सांसदों ने ये दावा किया कि ये उनकी जीत है और वो डोनाल्ड ट्रम्प थे जिन्होंने बाइडेन को ये फैसला लेने पर मजबूर कर दिया। इन आरोपों पर बाइडेन ने कहा कि ट्रम्प अवैध शरणार्थियों का मुद्दा कभी सुलझाना नहीं चाहते थे वे इस मुद्दे का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने के लिए कर रहे थे।
अमेरिका में अवैध प्रवासियों का संकट कई दशकों से एक जटिल और विवादास्पद मुद्दा रहा है। अमेरिकी सरकार की नीतियां इस मुद्दे को लेकर समय-समय पर बदलती रही हैं। रिपब्लिकन पार्टी अवैध प्रवासियों पर कठोर रवैया अपनाती हैं वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी का इस मुद्दे को लेकर नरम रुख रहा है।
अवैध प्रवासी अक्सर कम वेतन पर नौकरी करते हैं जिससे व्यापारी वर्ग को फायदा पहुंचता है मगर इससे स्थानीय लोगों की नौकरी पर संकट आता है। अवैध शरणार्थियों का मुद्दा चुनावों के समय राजनीतिक विवाद का कारण बन जाता है। जानकारों के मुताबिक अवैध प्रवासियों को अमेरिका में लेकर आने का एक बड़ा संगठित आपराधिक नेटवर्क चल रहा है।
ये कार्टेल अवैध तरीके से अमेरिका जा रहे भारतीयों को भरपूर फायदा उठाते हैं और सीमा पार कराने के लिए अवैध प्रवासियों से मोटी रकम वसूलते हैं। बाइडेन सरकार के विरोधी उन पर ऐसे कार्टल के साथ जुड़े होने का आरोप लगाते हैं।
विरोधी आरोप लगाते हैं कि अवैध प्रवासी अमेरिकी नागरिकता मिलने के बाद एक बड़े वोट बैंक का काम करते हैं इसलिए उन्हें रोकने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया जाता है।
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 में करीब 2,50,000 लोगों को सिर्फ मेक्सिको सीमा पर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेस करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अगर कनाडा बॉर्डर से प्रवेश करने वाले लोगों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 3 लाख से भी अधिक था।
अमेरिका जाने वाले अवैध प्रवासियों में सबसे अधिक लोग दक्षिणी अमेरिकी, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट के होते हैं। लेकिन अब भारत जैसे अन्य देशों से अवैध प्रवासियों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है।
अक्टूबर 2022-सितंबर 2023 के बीच एक साल में 96,917 भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2019-20 में ये संख्या करीब 19 हजार और 2018-19 में ये संख्या सिर्फ 8,027 थी।
थिंक टैंक न्यू अमेरिकन इकॉनमी की रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2022 के बीच में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में 100 गुना वृद्धि हुई।
2023 में करीब 37,000 चीनी नागरिक अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़े गए थे। 2021 की तुलना में ये संख्या करीब 50 गुना है।