देश के प्रधानमंत्री से लेकर जजों तक में अपनी पैठ बताकर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला जालसाज संजय प्रकाश राय आखिर पुलिस की पकड़ में आ ही गया। फेसबुक व ट्विटर एकाउंट पर खुद को कई कंपनियों का डायरेक्टर और कई मंत्रियों का करीबी बताता था। वह विधायक से सांसदी का टिकट दिलाने से लेकर कोई भी ठेका और पद दिलाने का दावा करता था। महाठग संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया को कानपुर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार रात को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उसने एसटीएफ के सामने कई चौकाने वाले खुलासे किये। एसटीएफ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करायी है। विशेष सीजेएम साक्षी गर्ग की कोर्ट ने 3 मई तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
एसटीएफ के मुताबिक संजय राय शेरपुरिया दिल्ली के उद्योगपति गौरव डालमिया से छह करोड़ रुपये की डील में फंसा है। उसने उनसे एक केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच को बंद कराने का ठेका लिया था। इसके इंटेलीजेंस से इनपुट मिलने पर केंद्रीय जांच एजेंसी और नोएडा एसटीएफ ने जांच के बाद संजय को पूछताछ के लिए कानपुर से उठाने के बाद गिरफ्तार कर लिया। संजय राय मूलरूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है। अभी वह दिल्ली में रहता है। गुजरात में बड़ा कारोबार रहा है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक संजय का यूपी, दिल्ली और गुजरात में ठगी का गिरोह चला रहा है। उन्हीं के माध्यम से उद्योगपति गौरव डालमिया के संपर्क में आया था। संजय राय ने गौरव से छह करोड़ की डील की। ये रकम 21 और 23 जनवरी को पैसा लिया था। यह उसके बैंक खाते की जांच पड़ताल में सामने आया है। यह रकम संजय के यूथ रूरल एन्ट्रीप्रेन्यूर फाउण्डेशन के खाते में थी। इसके बाद एलआईयू,एसटीएफ ने संजय के अन्य खातों व आफिस की जानकारी जुटानी शुरू कर दी थी। इसी तरह गाजीपुर के एक ठेकेदार ए. अहमद को माइनिंग का ठेका दिलाने के नाम पर ढाई करोड़ वसूल लिये थे। वहीं, संजय प्रकाश राय को मनी लांड्रिंग हवाला व टैक्स चोरी करने में भी लिप्त बताया गया है। एसटीएफ इस दिशा में भी पड़ताल कर रही है।
एसटीएफ के मुताबिक संजय प्रकाश राय मूल रूप से दिल्ली के सफदरगंज रोड का रहने वाला है। वह पहले कांडला एनर्जी एंड केमिकल लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर भी रहा है। कंपनी के बैंक की ओर से डिफाल्टर घोषित हो जाने पर यूपी के गाजीपुर जिले में रहने लगा। संजय ने अलग-अलग नाम से कई आईडी बनाकर कई कंपनी खोल रखे था। एसटीएफ से कई नेताओं और व्यापारियों ने संजय प्रकाश राय की धोखाधड़ी की शिकायत एलआईयू ने की थी। उसके आधार पर ही मंगलवार को कानपुर रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से गाजीपुर जाते समय पकड़ लिया गया। वह सुहेलदेव एक्सप्रेस से कानपुर पहुंचा था। उसके पास से तीन आधार कार्ड व एक वोटर कार्ड मिला। एक आधार कार्ड पर संजय प्रकाश बालेश्वर राय, पता गुरुग्राम और दूसरे पर संजय शेरपुरिया, पता सेन्ट्रल दिल्ली लिखा था। वोटर कार्ड पर संजय प्रकाश राय, पता मोहम्मदाबाद, गाजीपुर और दूसरे वोटर कार्ड पर कंचन संजय प्रकाश राय पत्नी संजय प्रकाश राय लिखा हुआ था।
सोशल मीडिया पर संजय प्रकाश राय की सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, आरएसएस प्रमुख से लेकर कई नेताओं और महान हस्तियों के साथ मौजूद हैं। इन्हें वह फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर वायरल करता था। जिससे लोगों को उसकी पकड़ का अंदाजा हो। संजय ने एक सितम्बर, 2021 को डिप्टी सीएम केशव मौर्य के साथ फोटो करते हुये ट्विट किया। 20 अक्टूबर, 2020 को केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के फोटो के साथ ट्विट, 11 सितम्बर, 2022 को आरएसएस प्रमुख के साथ, 17 सितम्बर, 2022 को पीएम के साथ अपना फोटो ट्विट किया।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि संजय ने यूथ रूरल एन्ट्रीप्रीनियूर फाउण्डेशन नाम से कम्पनी रजिस्टर्ड कराई। इसमें डमी डायरेक्टर बनाकर यह ठगी करता था। इसी में उद्योगपति से पैसा मंगाने पर वह फंस गया। जिसका ब्यौरा बैंक डिटेल में आ गया।
संजय ने 2022 विधानसभा चुनाव में गाजीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। टिकट नहीं मिलने के बाद 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में चुनाव प्रचार में लग गया।
जिसके बाद अचानक खुद को उस संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बताने के साथ गाजीपुर से सांसद प्रत्याशी बताने लगा। चर्चा है तभी से शीर्ष नेताओं की नजरों में आ गया था। जिसके बाद उसके ऊपर यह कार्रवाई हुई है।