असम में कांग्रेस को फिर बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे रिपुन बोरा ने राज्य कांग्रेस में अंदरूनी कलह का हवाला देते हुए रविवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया है। बोरा टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में यहां तृणमूल में शामिल हुए। इस मौके पर टीएमसी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन भी उपस्थित थे
बता दें कि इससे पहले असम में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं सुष्मिता देव ने भी पिछले साल तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद देव को तृणमूल ने राज्यसभा भी भेजा है। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तृणमूल पूर्वोत्तर राज्यों समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी के विस्तार में जुटी है।
इधर, तृणमूल में शामिल होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में रिपुन बोरा ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय असम कांग्रेस के वरिष्ठ पदों पर बैठे नेताओं के एक वर्ग ने भाजपा सरकार के साथ गुप्त समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता निजी स्वार्थ के लिए पार्टी के हित और विचारधारा के खिलाफ भाजपा के पक्ष में समझौता कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर भाजपा को रोकने के लिए एकजुट और आक्रामक तरीके से लड़ने के बजाय, पुरानी पार्टी के नेता अपने निहित स्वार्थों के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। इसीलिए वे पार्टी छोड़ रहे हैं। बता दें कि असम के वरिष्ठ नेता बोरा 1976 से कांग्रेस से जुड़े हुए थे।