देश छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का सिंगापुर में हो रहा विरोध, श्रीलंका में विक्रमसिंघे ने संभाली जिम्मेदारी

देश छोड़कर सिंगापुर भागे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को नया ठिकाना तलाशना पड़ सकता है। दरअसल, यहां रह रहे श्रीलंकाई नागरिक गोटबाया का विरोध कर रहे हैं और उन्हें वापस श्रीलंका भेजने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सिंगापुर सरकार ने विरोध-प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है।

गोटबाया के आने-जाने को लेकर पुलिस ने भी चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सिंगापुर में आए लोगों को देश का कानून मानना पड़ेगा। ऐसे हालातों में माना जा रहा है कि गोटबाया सिंगापुर जल्द छोड़ देंगे और दुबई को अपना स्थायी ठिकाना बना लेंगे।
श्रीलंका से भागे गोटबाया सबसे पहले मालदीव पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी और दो बॉडीगार्ड भी थे। यहां रहने वाले श्रीलंकाई नागरिक भी सड़क पर उतर आए थे। मालदीव के वेलाना इंटरनेशनल हवाईअड्डे से सिंगापुर जाने की तैयारी में थे, लेकिन यहां इतना ज्यादा विरोध हो रहा था कि फ्लाइट छोड़ दी थी।
श्रीलंका में शुक्रवार को उग्र भीड़ को कंट्रोल करने में सेना के 24 जवान घायल हो गए, जिसमें 2 की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस बात की जानकारी कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दी है। वहीं, विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति का परिचय कराने के लिए ‘महामहिम’ शब्द का इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर बैन कर दिया है।
श्रीलंका में 44 साल बाद सीक्रेट वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति चुना जाएगा। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि 225 सदस्यीय संसद में 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। बता दें कि 1978 के बाद पहली बार देश में जनादेश के माध्यम से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के सीक्रेट वोट के माध्यम से होगा। आर्थिक संकट से गुजर रहे हालातों को देखते हुए और जन विद्रोह को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
रानिल विक्रमसिंघे ने सांसदों को खुलकर अपने विचार रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए ताकि वे खुलकर अपनी बात रखें। हम संसद में किसी भी हालत में लोकतंत्र को खत्म करने की अनुमति नहीं देंगे।
गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को सात दिन के अंदर नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को गोटबाया राजपक्षे ने कानूनी तौर पर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति चुनाव 22 जुलाई को होगा।
इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाल लिया। श्रीलंका के चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने उन्हें शपथ दिलाई। वे 22 जुलाई तक राष्ट्रपति रहेंगे। अभयवर्धने ने जनता से अपील की है कि वे सांसदों के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें, ताकि वे राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में भाग ले सकें।इधर, श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर बासिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर रोक लगा दी। ये दोनों 28 जुलाई तक अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते। इनके साथ ही सेंट्रल बैंक के 2 पूर्व गवर्नर्स के भी बिना अनुमति देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई।