पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह का निधन, 1 महीने से चल रहा था इलाज

छत्तीसगढ़ के जशपुर से बड़ी खबर है. जशपुर राजपरिवार के सदस्य और पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव का निधन हो गया है. बैंगलुरु के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. युद्धवीर का पिछले एक महीने से लिवर का इलाज चल रहा था. वे पूर्व केंद्रीय मंत्री बीजेपी नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र थे. युद्धवीर चन्द्रपुर से विधायक, संसदीय सचिव और ब्रेवरेजेस कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे.

उल्लेखनीय है कि युद्धवीर छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध हस्तियों में से एक थे. वे किसी न किसी बहाने सुर्खियों में रहते थे. 5 महीने पहले भी नवा रायपुर इलाके में हुए हादसे में उनकी जान बाल-बाल बची थी. उस वक्त उनकी गाड़ी के सामने कोई जानवर आ गया था. उसे बचाने के लिए उन्होंने गाड़ी सड़क की दूसरी दिशा में घुमा दी थी. इससे कार डिवाइडर से टकरा गई थी. जुदेव को सीने में हल्की चोट आई थी. इसके बाद वे खुद ही गाड़ी चलाकर मोवा स्थित बालाजी अस्पताल पहुंचे थे.

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कद्दावर नेता स्व. दीलिप सिंह जूदेव के पुत्र युद्धवीर सिंह जूदेव फेसबुक व अन्य दूसरे सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपने पोस्ट व बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. साल 2019 में उनकी एक FB पोस्ट भी वायरल हुई थी. ये पोस्ट उन्होंने खनन से जुड़े उद्योगपतियों के लिए लिखी थी. इस पोस्ट के बाद से सियासी गलियाआरों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था. युद्धवीर सिंह जूदेव ने फेसबुक पर लिखा था- ‘हमारी चट्टानों को चीरने से पहले अपना जीवन बीमा करवा लें. ‘सन्ना क्षेत्र के निवासी, जो मुश्किल वक्त में साथ देते हैं, सुना है कोई हेलीकॉप्टर लगातार ऊपर से गुजर रहा है. सरकार कोई भी हो लेकिन, सतर्क हो जाएं’

उन्होंने 2018 में झीरमघाटी कांड और कांग्रेस नेता स्व. नंदकुमार पटेल को याद किया था. उनकी ये पोस्ट भी चर्चा का विषय बन गई थी. उन्होंने पोस्ट में लिखा था- अगर झीरमघाटी कांड नहीं होता तो स्व. नंदकुमार पटेल आज मुख्यमंत्री होते. झीरम नरसंहार में नंदकुमार पटेल सहित कांग्रेस के कई आला नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. तब नंदकुमार पटेल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था.

सवांददाता: शिवेंद्र जायसवाल ( सम्पादकीय डायरेक्टर)