लखनऊ के कैंट थाने में ऊंचाहार से विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय से पीएनबी मैटलाइफ इंश्योरेंस के प्रबंधक रमाकांत पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर 30 लाख की धोखाधड़ी की गई। जिसे उन्होंने अपने सैलरी अकाउंट से जमा किया था। तीन साल की अवधि पूरी होने के बाद पॉलिसी कैंसिल होने का पता चलने पर एक्शन लिया।
दिलकुशा कॉलोनी निवासी मनोज पांडेय ने शिकायत दर्ज कराई है कि 2019 में पीएनबी मैटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस प्रबंधक रमाकांत ने उनके घर आकर एक पॉलिसी के बारे में बताया। उनका कहना था कि हर वर्ष दस लाख रुपए तीन साल तक जमा करने पर बोनस के साथ 44 लाख रुपए मिलेंगे।
जिसके बाद उन्होंने प्रबंधक को सीए से मिलकर बात करने को कहा। जिसके बाद रमाकांत ने विधायक के सीए को ई-मेल से डिटेल भेजी दी। इसके बाद दस लाख रुपए की पहली किस्त दी गई। जिसे बापू भवन स्थित इण्डियन बैंक में सैलरी अकाउंट से निकाल कर तीन साल तक दिया गया। समय पूरा होने के बाद भी मुनाफे के साथ 44 लाख रुपए वापस नहीं मिलने पर प्रबंधक रमाकांत से संपर्क किया गया। इस पर उसने एक और किस्त जमा करने के लिए कहा।
विधायक का आरोप है कि प्रबंधक रमाकांत के कहने पर दस लाख की चौथी किस्त जमा कर दी। कुछ वक्त बाद यह रकम खाते में वापस आ गई। पूछताछ पर बताया कि मेडिकल डिटेल पूरी नहीं है। फिर विधानसभा सचिवालय के मुख्य सचेतक कक्ष में डॉक्टर ने चेकअप किया। इसके बाद मनोज ने 10 लाख रुपए की चौथी किस्त भी जमा कर दी, लेकिन इसकी रसीद नहीं दी।
जिसके बाद पीएनबी मैटलाइफ के दफ्तर पहुंच कर पूछताछ में पता चला कि मेडिकल कारणों से पॉलिसी कैंसिल कर दी गई है। विधायक मनोज पांडेय का आरोप है कि धोखाधड़ी के उद्देश्य से पॉलिसी कैंसिल की गई है। साथ ही जमा रुपए और दस लाख का ड्राफ्ट भी नहीं लौटाया गया है। एसओ कैंट गुरप्रीत कौर ने बताया कि विधायक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।