नेपाल के विदेशी मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने बोला है कि उनका देश आंतरिक परेशानी से निपटने में समर्थ है और उसे घरेलू राजनीति में कोई बाहरी हस्तक्षेप की कोई भी मंज़ूरी नहीं है। नेपाल में संसद भंग होने के उपरांत राजनीतिक उथल-पुथल के बीच चीन द्वारा दखल देने की कोशिशों के मध्य ज्ञवाली ने यह बात बोली है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए ज्ञवाली ने बताया कि हमने घरेलू राजनीति में बाहरी दखल कभी मंजूर नहीं किया है। हम अपनी समस्याएं सुलझाने में सक्षम हैं। निकट पड़ोसी होने के नाते कुछ चिंताएं हो सकती हैं। लेकिन कोई हस्तक्षेप हमें स्वीकार नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल में पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा अचानक संसद भंग कर दिए जाने के उपरांत चीन ने कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मंत्रालय के उप मंत्री गोउ येझोउ के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल काठमांडू भेजा था।
चीनी प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल के लगभग सभी शीर्ष नेताओं से वार्तालाप की, लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ गया। नेपाली राजनीति में चीनी दखल के इस कोशिश की कड़ी निंदा की गई। ज्ञवाली ने बताया कि भारत और चीन दोनों के साथ नेपाल के संबंध अच्छे हैं और वह एक-दूसरे के साथ संबंधों की तुलना नहीं कर सकते है। देश में जारी राजनीतिक संकट और इसमें पार्टी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ज्ञवाली ने सीधी टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि देश का विदेश मंत्री होने के नाते वे नेपाल के हर व्यक्ति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भारत और नेपाल के संबंधों में असीमित संभावनाएं: जंहा इस बात का पता चला है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बोला है कि हिंदुस्तान और नेपाल के संबंधों में असीमित संभावनाएं हैं। उन्होंने ट्वीट किया, नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली के साथ मुलाकात बहुत ही अच्छी रही। भारत के साथ नेपाल के संबंध दोनों देशों की सरकारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों द्वारा संचालित है। उल्लेखनीय है कि ज्ञवाली इस समय तीन दिनों की भारत यात्रा पर नई दिल्ली में हैं। शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की थी।
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आदर्श कुमार
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