योगी आदित्यनाथ के हाथ में दोबारा उत्तर प्रदेश की बागडोर आ गई है। बाबा के दोबारा CM पद की शपथ लेते ही उत्तर प्रदेश विधानसभा से जुड़े कई रिकॉर्ड टूट जाएंगे। पहला और सबसे अहम रिकॉर्ड योगी के ही नाम होगा जो लगातार दो बार सीएम बनने का है। इसके पहले यूपी में चंद्रभानु गुप्ता और एनडी तिवारी लगातार दो बार सीएम बने, लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे।
20 मई 1950 को उत्तर प्रदेश विधानसभा का गठन हुआ था। 71 सालों में प्रदेश को 21 मुख्यमंत्री मिले। अब तक ऐसा किसी विधानसभा चुनाव में नहीं हो सका है। यानी योगी भारतीय जनता पार्टी के लिए लकी साबित हुए हैं।गोरखपुर सदर सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। बीते 33 साल से यहां भाजपा का प्रत्याशी ही चुनाव जीतता आ रहा है। गोरखपुर सदर सीट पर फिलहाल 4 लाख 53 हजार 662 वोटर्स हैं। यहां योगी के प्रतिद्वंद्वियों में सुभावती शुक्ला (सपा), ख्वाजा शमसुद्दीन (बसपा) और चंद्रशेखर आजाद (भीम आर्मी) रहे। 1989 में यह सीट भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला ने जीती थी। तब से इस सीट पर भाजपा ही काबिज है।