अपनी दमदार एक्टिंग स्किल्स से दर्शकों को एंटरटेन करने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी खुद को बदसूरत मानते थे एक्टर ने बताया है कि डार्क स्किन कलर होने के चलते उन्हें इनसिक्योरिटी होती थी। वो गोरा होने के लिए फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल भी करते थे। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जिंदगी में एक समय ऐसा था, जब वो खुद को गुड लुकिंग नहीं मानते थे। इससे उनमें आत्मविश्वास की कमी थी और वो इनसिक्योर रहते थे। अपने डार्क कॉम्प्लेक्शन को हटाने के लिए वो कई तरह की फेयरनेस क्रीम भी लगाते थे।
नवाजुद्दीन ने कहा, मुझे बहुत लंबे समय तक लगता था कि मैं गुड लुकिंग नहीं हूं। लेकिन जब मैं बाहर निकला तो मुझे लगा कि नहीं मैं ठीक हूं, मेरा चेहरा भी ठीक है। अपने लुक को लेकर कॉन्फिडेंट होना बेहद जरूरी है। ये जो इनसिक्योरिटी है वो आमतौर पर दूसरे लोगों की वजह से होती है।
नवाजुद्दीन ने बताया था कि उनके लुक के चलते सोसाइटी उन्हें स्वीकार नहीं करती थी। लोग उनसे पूछते थे कि हीरो क्यों बनना चाहते हो, न शक्ल है न सूरत। नवाजुद्दीन ने कहा था, स्ट्रगल के दौरान मैंने जो ज्यादा फेज किया वो यही था कि लोग मुझे मेरी पर्सनालिटी को लेकर कम आंकते थे और तंज कसते थे। सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, सोसाइटी में भी मुझे लोग स्वीकार नहीं कर पाते थे। वो पूछते थे तुम हीरो क्यों बनना चाह रहे हो? न शक्ल है न सूरत है न हाइट है। तो फिल्मों में तो मेरे साथ भेदभाव बाद में हुआ पर सोसाइटी में मैंने कई सालों तक लोगों के इस परसेप्शन को बहुत झेला जिसमें वो गोरे को अच्छा और काले को बुरा डिफाइन करते हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी आखिरी बार फिल्म हड्डी में ट्रांसजेंडर के रोल में दिखे थे। इसके बाद वो इसी साल रिलीज होने वाली तमिल फिल्म सेंधव में नजर आएंगे। आने वाले समय में उनकी 4 फिल्में रिलीज होंगी। इनमें बोले चूड़ियां, नूरानी चेहरा, अद्भुत और रंगीन शामिल हैं।