लखनऊ में पांच मंजिला बिल्डिंग मंगलवार शाम गिर गई थी। 15 घंटे से ज्यादा वक्त से रेस्क्यू चल रहा है। बुधवार सुबह तक छत काटकर 14 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। बेसमेंट में 2-3 लोगों के अंदर फंसे होने की बात कही गई है। उनको पाइप से ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है। उनसे मोबाइल पर संपर्क किया गया है।
DGP डीएस चौहान रातभर मौके पर रहे। खुद रेस्क्यू की मॉनिटरिंग की। उन्होंने बताया कि अब तक 3 फ्लोर की छत काटी जा चुकी है। चौथी फ्लोर को काटने का काम चल रहा है। अब तक कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है। बता दें कि हजरतगंज स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट के बेसमेंट में खुदाई की वजह से मंगलवार शाम 6.30 बजे ढह गया था। तब से NDRF, SDRF और आर्मी लगी हुई है।
लखनऊ में सुबह से ही बूंदाबांदी हो रही है। तेज हवाओं के चलने और बूंदाबांदी से रेस्क्यू करने में दिक्कत आ रही है। लेकिन टीम पूरी मुस्तैदी से लोगों को निकालने में लगी हुई है।
अभी 4-5 घंटे यानी 12 बजे तक रेस्क्यू पूरा होने की उम्मीद है। अभी तक ऊपर की तीन मंजिल के मलबे को हटाकर लोगों को बाहर निकाला गया है। रेस्क्यू टीम अब चौथी, पांचवी और फिर बेसमेंट के मलबे को हटाएगी।
DGP ने बताया कि अलाया अपार्टमेंट सपा विधायक और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश का है। बिल्डिंग का निर्माण यजदान बिल्डर ने कराया था। मेरठ पुलिस ने नवाजिश को देर रात हिरासत में ले लिया है। शाहिद मंजूर से भी पूछताछ की गई है। पुलिस नवाजिश को लेकर लखनऊ आ रही है।
फ्लैट 404 में हनि हैदर के यहां काम करने वाली शाहजहां बानो को रेस्क्यू किया गया है। शाहजहां बानो मलबे में 12 घंटे तक फंसी रहीं। शाहजहां ने बताया कि हम लोग चाय बनाकर पी रहे थे। गैस जल रही थी। अचानक बिल्डिंग से चट-चट की आवाज आने लगी। 10 मिनट के अंदर ही बिल्डिंग गिरने लगी। हम लोग उसी में फंसे रह गए।
अलाया अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 301 में रहने वाली रंजना अवस्थी और उनकी बेटी आलोका अवस्थी को रेस्क्यू किया गया है। दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आलोका ने बताया कि पहली मंजिल में 101 नंबर का फ्लैट खाली था। 202 में शबाना का परिवार रहता था। नियमानुसार इमारत की तीन फ्लोर ही वैध थीं। जबकि चौथी मंजिल और पेंटाहाउस गलत तरीके से बना था।
आलोका ने बताया, “मेरठ के शाहिद मंजूर ने ही पेंटाहाउस बनवाया था। शाहिद मंजूर इमारत के बेसमेंट में पाइप डलवाने का काम करा रहे थे। पिछले तीन दिनों से ये काम चल रहा था। मैंने इस बात का विरोध भी किया था। विरोध करने पर एक दिन पहले हंगामा भी हुआ।”
DGP ने बताया कि तीन लेयर क्लियर हो गई है और चौथे लेयर को तोड़ा जा रहा है, उसमें ड्रिल कर दिया गया है, उसके माध्यम से ऑक्सीजन नीचे पहुंचाया जा रहा है। अंदर 3 लोगों के दबे होने का अंदाजा है। 2 महिला शाहजहां और सबरीन को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। चौथी लेयर को काटने के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी कि नीचे की कैसी स्थिति है।
आर्मी और NDRF की टीम ने अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर के दो छत ड्रिल मशीन से काटकर करीब 14 लोगों को बाहर निकाला है। ग्राउंड फ्लोर के बेसमेंट को काटने से पहले उसके ऊपर जमा मलबे को हटाया जा रहा है।
DGP चौहान के अनुसार एक्सपर्ट की टीम की देखरेख में रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है पूरी सावधानी के साथ एक-एक जिंदगी बचाने का प्रयास पूरी टीम कर रही है। घटनास्थल की सूचना के बाद से ही मौके पर आला अधिकारी मौजूद है।
DGP ने बताया, सपा सरकार में मंत्री रहे शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश की यह बिल्डिंग है, जिसे यजदान बिल्डर ने बनवाया है। हम लोग इन्वेस्टिगेशन करेंगे और उसी के आधार पर कार्यवाही करेंगे। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने खबर लगते ही मौके पर NDRF और SDRF को पहुंचने और घायलों को बेहतर से बेहतर उपचार देने का निर्देश दिया। सूचना मिलते ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि अलाया अपार्टमेंट में कांग्रेस नेता रहे जीशान हैदर का परिवार भी रहता है। आशंका है कि उनके परिवार के कई सदस्य मलबे में फंसे हैं।
डीएम लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने बताया अंदर फंसे लोगों को ऑक्सीजन दिए जाने के लिए दो यूनिट सिलेंडर मंगाए गए हैं। लगातार उनको ऑक्सीजन दिया जा रहा है। करीब 20 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर मौजूद रहीं। जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाए गए लोगों को सिविल हॉस्पिटल समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया।बिल्डिंग के अंदर रह रहे लोगों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। हादसे की सूचना के बाद से ही बिल्डिंग में रहने वालों के परिजन मौके पर पहुंच गए। जिस के सुरक्षित होने की सूचना मिली वह तो हॉस्पिटल चला गया। लेकिन जो अभी तक नहीं मिला है उसको लेकर परिजन हताश हैं।
बताया जा रहा कि बिल्डिंग करीब 15 साल पहले बनी थी। इसमें 30-35 परिवार रह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करीब 6:30 बजे अचानक तेज धमाके के साथ बिल्डिंग गिर गई। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद रेस्क्यू शुरू हुआ।