जगन मोहन सरकार में फिर बनाए गए पांच उपमुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद भड़का असंतोष

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया। इस बार भी पांच उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। मुस्लिम समुदाय से अमजद बाशा शेख बेपारी, अनुसूचित जाति से केएन स्वामी, अनुसूचित जनजाति से पीआर डोरा, पिछड़ा वर्ग से बीएम नायडू और कापू समुदाय से के सत्यनारायण को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इस बार भी दलित महिला तनीति वनिता को गृह मंत्री बनाया गया है। पुनर्गठन के बाद असंतोष उभरने लगे हैं।
पुरानी कैबिनेट में गृह मंत्री रहीं मेकाथोती सुचरिता ने विधानसभा से इस्तीफे की घोषणा की है। मंत्री पद से हटाए गए एक और वरिष्ठ नेता बीएस रेड्डी भी विधायक पद से इस्तीफा देने का विचार कर रहे हैं। राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन ने राजधानी अमरावती में राज्य सचिवालय के पास एक समारोह में मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे 11 विधायकों को फिर मंत्री बनाया गया है। विधान परिषद से किसी को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया।
फिल्म स्टार आरके रोजा को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय से मुख्यमंत्री समेत दो, अनुसूचित जाति से पांच और अनुसूचित जनजाति एक मंत्री शामिल किए गए हैं। रेड्डी और कापू समुदायों से चार-चार मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में चार महिला सदस्य हैं। कम्मा, क्षत्रिय और वैश्य, ब्राह्मण समुदाय से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। राज्य के 26 जिलों में से कम से कम सात जिले का मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
नए मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवा चेहरों को तरजीह दी गई है। जगन मोहन ने कैबिनेट में एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों और पिछड़ा वर्ग के लोगों को जगह दी है। बता दें कि 2019 में चुनाव जीतने के बाद सीएम जगन मोहन ने 24 मंत्रियों का कैबिनेट बनाया था। इसमें 56 प्रतिशत मंत्री एससी, एसटी, ओबीसी और समाज के अल्पसंख्यक वर्गों से थे। मुख्यमंत्री ने फिर कैबिनेट में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाकर 68 प्रतिशत कर दिया। पिछली कैबिनेट में 5 एससी, 1 एसटी, 7 ओबीसी, 1 अल्पसंख्यक और 11 अन्य जातियों के विधायक मंत्री थे।