19वें एशियन गेम्स का आगाज हो चुका है। महिला क्रिकेट का पहला सेमीफाइनल भारतीय महिला टीम और बांग्लादेश के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। बांग्लादेश की टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बांग्लादेश की पूरी टीम 17.5 ओवर में 51 रन पर सिमट गई। बांग्लादेश की ओर से सबसे ज्यादा रन कप्तान निगर सुल्ताना ने बनाया। उन्होंने 12 रन बनाए। उनके अलावा कोई भी बैटर दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका।
भारत के लिए चार विकेट पूजा वस्त्रकार ने लिए हैं। जबकि एक विकेट तितास साधु, देविक वैद्य, अमनजोत कोर और राजेश्वरी गायकवाड़ ने एक- एक विकेट लिए हैं। वहीं दो खिलाड़ी रन आउट हुए।
पहला विकेट- पहले ओवर की पहली गेंद पर पूजा वस्त्रकार ने विकेटकीपर ऋचा घोष के हाथों कैच कराकर ओपनर साथी रानी को पवेलियन भेजा।
दूसरा विकेट- पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर पूजा ने शमीमा सुल्ताना को एलबीडब्ल्यू आउट कर भारतीय टीम को दूसरी सफलता दिलाई।
तीसरा विकेट- 4.5 ओवर में पूजा ने शोभना मोस्तरी को स्मृति मंधाना के हाथों कैच कराकर भारतीय टीम को तीसरी सफलता दिलाई।
चौथा विकेट- 5.5 ओवर में तितास साधु ने शोरना अख्तर को क्लीन बोल्ड कर भारत को चौथी सफलता दिलाई। शोरना खाता भी नहीं खोल पाईं थी।
पांचवा विकेट- 7.3 ओवर में देविका वैद्य के सटीक थ्रो पर बांग्लादेश की कप्तान निगर सुल्ताना रन आउट हो गईं। उन्होंने 17 गेंद में 12 रन बनाए।
छठा विकेट- 7.6 ओवर में फाहिमा खातून भी रन आउट हो गईं। ऋचा घोष और शेफाली वर्मा ने उन्हें रन आउट किया।
सातवां विकेट-10.5 ओवर में अमनजोत ने राबिया को क्लीन बोल्ड किया। राबिया ने नौ गेंद में तीन रन बनाए।
आठवां विकेट-12.5 ओवर में पूजा वस्त्राकर ने रितु मोनी को आउट कर भारत को आठवीं सफलता दिलाई।
नाैवां विकेट- 16.3 ओवर में सल्ताना खातून को देविका वैद्य की गेंद पर ऋचा घोष ने उन्हें स्टंप आउट किया।
दसवां विकेट-17.5 ओवर में राजेश्वरी गायकवाड़ ने मारुफा अख्तर को बोल्ड कर पवेलियन भेजा।
बांग्लादेश महिला (प्लेइंग इलेवन): शमीमा सुल्ताना, साथी रानी, निगार सुल्ताना (विकेटकीपर/कप्तान), शोभना मोस्टोरी, रितु मोनी, मारुफा एक्टर, नाहिदा एक्टर, शोर्ना एक्टर, फाहिमा खातून, सुल्ताना खातून, राबेया खान।
भारतीय महिला (प्लेइंग इलेवन): स्मृति मंधाना (कप्तान), शेफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, कनिका आहूजा, ऋचा घोष (विकेटकीपर ), दीप्ति शर्मा, देविका वैद्य, अमनजोत कौर, पूजा वस्त्रकार, तितास साधु, राजेश्वरी गायकवाड़