भारत की हर रोज बढ़ती ताकत से दुश्मनों के पसीने छूटे हुए हैं. आंतकी देश पाकिस्तान तो इतना घबराया हुआ है कि उसने हाल ही में दुनिया के सामने भारत के आगे सरेंडर कर दिया. दरअसल इमरान खान ने एक पाकिस्तानी चैनल पर स्वीकार करते हुए कहा है ‘इंडिया की लॉबी बहुत ज्यादा मजबूत है. यानी कि इमरान ने ये कबूल कर लिया कि हिंदुस्तान का जवाब देना अब उसकी के बस की बात नहीं है. खैर नए हिंदुस्तान से इमरान को डर लगना भी लाजमी है क्यों कि अब दुश्मन को उसके घर में घुसकर तगड़ा जवाब मिलता है. तो वहीं लद्दाख में आंख दिखाने वाले चालबाज चीन की भी सारी हेकड़ी निकल गई है. और उसने भी भारत के आगे घुटने टेकते हुए सरेंडर कर दिया है.
जी हां भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में मंगलवार को होने जा रही 2+2 बैठक को लेकर चीन की बेचैनी बढ़ गई है. दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे रिश्तों के मायने तलाशते हुए चीन ने कहा है कि भारत की राष्ट्रीय ताकत बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी स्थिति मजबूत हो रही है. हालांकि, उसने ये भी कहा कि अमेरिका की ताकत घट रही है और उभरता हुआ भारत इस स्थिति का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा. यानी कि अब चीन भी अच्छे से समझ गया है कि भारत की टक्कर देना कोई हलकी बात नहीं है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि भारत की बढ़ती ताकत को चीन ने अमेरिका से भी ज्यादा मजबूत बता दिया.
दरअसल चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने भारत और अमेरिका के बीच होने जा रही है 2+2 बैठक और संभावित बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट को लेकर विस्तार से लेख छापा है. फुदान यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन स्टडीज सेंटर के डायरेक्टर और अमेरिकन स्टडीज सेंटर के प्रोफेसर झांग जियाडोंग ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं और इस बैठक पर ध्यान देने को लेकर चार कारक अहम हैं.
लेख में कहा गया है कि ये महामारी के दौर में ऑफलाइन मीटिंग होने जा रही है. इस खतरनाक स्थिति में भी अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो नई दिल्ली में बैठक करेंगे. वो श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया भी जाएंगे. ये दिखाता है कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों और हिंद-प्रशांत रणनीति को बहुत महत्व देता है. लेख में आगे कहा है कि दूसरी बात, ये बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं. ऐसे समय में अमेरिका और भारत के बीच ये एक बड़ी कूटनीतिक गतिविधि है, जो अमेरिका के लिए भारत के महत्व को दिखाता है.
इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स के इस लेख में बैठक पर फोकस को लेकर तीसरी वजह बताते हुए कहा गया है कि ये बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव है. दोनों देशों के बीच करीब आधे साल से तनातनी है. अमेरिका और भारत के बीच 2+2 बातचीत राष्ट्रपति चुनाव और महामारी के बावजूद हो रही है, इसका स्पष्ट लक्ष्य चीन है.
मुखपत्र में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने जा रहे मालाबार नौसेना अभ्यास का भी जिक्र किया गया है. लेख में कहा गया है कि इसके जरिए इंडो-पैसिफिक समुद्री सुरक्षा ढांचा धीरे-धीरे आकार ले रहा है. अमेरिका और भारत के बीच सैन्य सहयोग जारी रहेगा. अब आप समझ सकते हैं कि चीन भारत की वर्तमान स्थिति से कैसे भयभीत दिख रहा है. वैसे चीन का घबराना भी लाजमी है कि क्यों कि एक तरफ तो भारतीय सेना ने LAC पर चीन को चारों तरफ से घेरते हुए अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया है. जो चीन की किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने में मजबूत साबित होंगी.. तो वहीं भारत ने अपनी वैश्विक कूटनीति से चीन को चारों खाने चित्त कर रखा है.. इसलिए चीन बुरी तरह से बौखला हुआ है और डरा हुआ है. अब उसने अपने डर को अमेरिका और भारत के बीच होने वाली 2+2 बातचीत से पहले ही दुनिया के सामने जाहिर कर दिया है.