प्रयागराज-महाकुंभ के लिए मुविवि के शिक्षकों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण ?

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा दो दिवसीय निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया। कार्यशाला के पहले दिन प्राची अस्पताल, फाफामऊ प्रयागराज के सहयोग से निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने किया। सरस्वती परिसर में आयोजित इस कार्यशाला में कुलपति ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने इस प्रकार के प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यशालाओं की आवश्यकता पर बल दिया और प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे समाज में इस ज्ञान को आगे बढ़ाएं। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रशिक्षण के उपरांत महाकुंभ में वह इस विधा का प्रयोग अवश्य करें।
कार्यशाला के प्रति विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों में विशेष उत्साह देखा गया। । इस अवसर पर स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा की प्रभारी प्रोफेसर मीरा पाल ने कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम एवं प्राची अस्पताल, फाफामऊ प्रयागराज की टीम का स्वागत किया। कार्यशाला में 70 से अधिक विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने नामांकन कराया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ संतोष मिश्रा ने प्राथमिक चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं और तकनीकों पर व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति में सही समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा जीवन बचाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

प्राची अस्पताल के प्रबंधक राहुल सिंह ने आयोजन में विशेष योगदान दिया। कार्यशाला में छात्रों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे बेहद उपयोगी बताया।
डॉ संतोष ने प्राथमिक चिकित्सा तथा फर्स्ट एड के महत्व को समझाते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फ्रैक्चर होने पर हड्डी को स्थिर कैसे करें। हाथ पैर टूटने पर क्या करें, बेहोश होने की स्थिति में तुरंत क्या कदम उठाएं, सांस फूलने पर राहत कैसे दें, भागदौड़ ;भगदड़ की स्थिति में घायल व्यक्तियों की मदद कैसे करें और करंट लगने पर प्राथमिक उपचार कैसे करें।
इसके अलावाए उन्होंने कीड़े या बिच्छू के काटने पर तत्काल उठाए जाने वाले उपायों पर भी प्रकाश डाला। डॉ संतोष ने बताया कि उल्टी होने, छाती में दर्द या अन्य गंभीर परिस्थितियों में क्या करना चाहिए और सीपीआर देने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।

उन्होंने प्राथमिक चिकित्सा किट बनाने के तरीके और उसमें शामिल आवश्यक वस्तुओं जैसे पट्टियां, एंटीसेप्टिक क्रीम, पेन किलर, थर्मामीटर, बैंडेज और अन्य जरूरी सामग्री के बारे में भी बताया। उनकी जानकारी ने सभी प्रतिभागियों को आपातकालीन स्थितियों में आत्मनिर्भर बनने और दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ संतोष ने ब्लड प्रेशर के कम और ज्यादा होने पर तुरंत क्या उपाय करने चाहिए इस पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्लड प्रेशर लो होने पर व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में लिटाकर उसके पैरों को थोड़ा ऊंचा करना चाहिए और उसे नमक पानी का घोल या मीठा पेय देना लाभकारी हो सकता है।
ब्लड प्रेशर हाई होने पर व्यक्ति को शांत रखने, गहरी सांस लेने के लिए कहने और नमकीन या तैलीय खाद्य पदार्थों से बचाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि अगर स्थिति गंभीर हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए।

डॉ संतोष ने ब्लड शुगर के स्तर पर भी चर्चा की। शुगर लो होने पर व्यक्ति को तुरंत ग्लूकोज, चीनी, चॉकलेट या मीठा पेय देना चाहिए ताकि शुगर का स्तर सामान्य हो सके। वहीं शुगर हाई होने पर इंसुलिन या डॉक्टर की सलाह अनुसार उपाय अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि ऐसी किसी भी आपात स्थिति में व्यक्ति को सुरक्षित और आरामदायक स्थिति में रखकर बिना देरी के नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन अमित सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन अनुराग शुक्ला ने किया। कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन मंगलवार को होगा। उन्होंने बेहतर संयोजन के लिए प्रोफेसर मीरा पाल की सराहना की।

द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858