ऑपरेशन थियेटर में सोमवार को वेंटिलेटर फटने से आग लग गई

लखनऊ SGPGI (संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के पुराने ऑपरेशन थियेटर में सोमवार को वेंटिलेटर फटने से आग लग गई। इस हादसे में दो मरीजों की मौत हो गई। 2 लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना के वक्त एक महिला की एन्डो सर्जरी और एक बच्ची की हार्ट सर्जरी हो रही थी। पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि मरने वाली महिला 26 साल की तैय्यबा पीलीभीत की रहने वाली थी। जबकि बच्ची अभी मात्र 31 दिन की थी। इसलिए उसका नामकरण भी नहीं हो पाया था। उसकी मां का नाम नेहा और वह गाजीपुर की रहने वाली है।
आग लगने से वहां कई लोग फंस गए। ऑपरेशन थियेटर में भी काफी धुआं भर गया। पुलिस-प्रशासन की टीम ने खिड़की से अंदर फंसे लोगों को निकाला। फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया।
हादसा SGPGI की OT-1 में दोपहर 12;40 बजे हुआ। मॉनिटर में स्पार्क होने से आग लगी। आग पहले वर्क स्टेशन और फिर ऑपरेशन थियेटर में फैल गई। थोड़ी ही देर में लपटें दूर-दूर तक फैलने लगीं। आग इतनी तेज थी कि आसपास के कमरों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
आग पर काबू पाने के बाद भी चारों तरफ काफी ज्यादा धुआं फैला हुआ है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। वहीं आग लगने के बाद सतर्कता बरतते हुए पूरे अस्पताल को खाली करा लिया गया है।
अस्पताल में भर्ती मरीजों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। अस्पताल के आस-पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। आग लगने से अस्पताल का काफी ज्यादा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। कमरों के फर्नीचर, कागजात भी जल गए हैं। वहीं, इंस्पेक्टर PGI बृजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि अभी दोनों बॉडी का पोस्टमॉर्टम होगा।
SGPGI में काम करने वाले एक गार्ड ने बताया कि जिस समय ऑपरेशन चल रहा था, उस समय OT और करीब 20 मीटर के दायरे के कमरों में 50 से ज्यादा स्टाफ और मरीज मौजूद थे। अगर आग थोड़ी और ज्यादा होती, तो इन सभी लोगों की जान को खतरा हो सकता था। बड़ी बात यह है कि पीजीआई का पूरा फायर सिस्टम आज फेल हो गया। अगर फायर सिस्टम ने सही तरीके से काम किया होता, तो दोनों मरीजों की भी जान बचाई जा सकती थी।
वहीं, SGPGI के डायरेक्टर डॉक्टर आरके धीमान ने बताया कि आग लगने से एक महिला और एक बच्ची की मौत हुई है। OT-1 में मॉनिटर में स्पार्क होने के कारण आग लगी थी। इसके बाद वर्क स्टेशन और OT में देखते ही देखते आग फैल गई।
उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट का फायर सिस्टम तुरंत एक्टिव हो गया था। हाइड्रेंट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। वहां मौजूद सभी लोगों को पोस्ट ऑपरेटिव ICU में शिफ्ट किया गया है। साथ ही कमेटी बनाकर मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान के 13 OT में से 2 OT को अधिक नुकसान हुआ है, बाकी 11 OT ठीक हैं।
कानपुर से आए अरुण कुमार पांडे ने बताया कि उनके बॉस की मां उषा मिश्रा भी उसी जगह पर एडमिट थीं, जहां आग लगी। आग लगने के बाद मरीजों के परिवार वाले परेशान हो गए। सभी लोग बाहर की तरफ भागे, लेकिन पीजीआई प्रशासन की तरफ से रास्ते बंद कर दिए गए थे। लोगों को आने-जाने नहीं दे रहे थे। यहां तक कि पीजीआई प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने मीडिया के कुछ लोगों का मोबाइल फोन तक तोड़ दिया।
SGPGI में हुए हादसे के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल में आग लगने के कारणों की उच्चस्तरीय जांच होगी। प्रमुख सचिव को मौके पर भेजा गया है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मृतक मरीज के परिजन को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से एसजीपीजीआई की घटना की जानकारी ली और उनसे घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
उधर, सपा नेता शिवपाल यादव ने X पर पोस्ट कर SGPGI में आग लगने की हाई लेवल कमेटी बना कर जांच कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।